बड़बोले दरोगा के हाथ से बाल-बाल बचे डॉक्टर और वार्ड ब्यॉय

बड़बोले दरोगा के हाथ से बाल-बाल बचे डॉक्टर और वार्ड ब्यॉय

बदायूं जिले में एक दरोगा को रिवाल्वर संभल कर पकड़ना नहीं आती, जबकि बहादुरी के किस्से ऐसे सुना रहा था, जैसे इसने अपराधियों की लाशों के ढेर लगा दिए हों। बड़बोले दरोगा की बहादुरी की कहानियाँ अस्पताल के कर्मचारी ध्यान से सुन रहे थे तभी, रिवाल्वर से गोली चल गई तो, कर्मचारी न सिर्फ सन्न रह गये बल्कि, जब होश आया तो, भाग खड़े हुए।

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उघैती थाना पुलिस की 31 जुलाई की रात को बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में एसओ ललित भाटी और एक बदमाश अबरार घायल हुए थे, दोनों का जिला अस्पताल में उपचार चल था। उघैती थाने का अन्य स्टाफ इधर-उधर खड़ा था, वहीं दरोगा इतैश तोमर इमरजेंसी में बैठ कर डॉक्टर और वार्ड ब्यॉय वगैरह को अपनी बहादुरी के किस्से सुना रहे थे। इतैश के पास एसओ ललित भाटी की भी रिवाल्वर ली। किस्से सुनाते हुए इतैस कभी एसओ की रिवाल्वर को घुमा रहे थे, कभी अपनी सर्विस रिवाल्वर से डेमो देने का प्रयास कर रहे थे। सुनने वाले बहादुरी के किस्से को सत्य मानें, इसलिए रोमांच पैदा करने को इतैश हथियार को कहानी के अनुसार यूज कर रहे थे तभी, गोली चल गई।

गोली की आवाज सुनते ही कुछ देर तक लोग समझ ही नहीं पाये कि क्या हुआ, कुछ को लगा कि गोली किसी के लग गई है, बराबर में खड़े लोग सहम गये और संभलते ही बाहर भाग खड़े हुए। गोली की आवाज सुन कर साथी पुलिस कर्मी अंदर आ गये तो, दरोगा रिवाल्वर में ही कमी बताने लगा। गोली जमीन में धंस गई थी, जहाँ पत्थर टूटने से गड्ढा हो गया है। बड़बोले दरोगा के हाथ में लगी रिवाल्वर का मुंह संयोग से नीचे की ओर था वरना, किसी की जान भी जा सकती थी। 31 जुलाई रात की घटना होने के बावजूद दोषी दरोगा के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एसएसपी सिटी ने बताया कि उन्हें मीडिया कर्मियों के द्वारा जानकारी मिली है लेकिन, घटना सत्य है और एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी गई है।

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