बदायूं शहर की आम जनता से बड़ी खुशी होली पर असामाजिक तत्वों को मिली है। माफियाराज के सामने घुटने टेकने से मना करने पर तेजतर्रार सदर कोतवाल अजय कुमार यादव को लाइन हाजिर कर दिया गया है, इससे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में अजय कुमार यादव को निशाना बनाया गया था तब, अजय कुमार यादव ने मोर्चा भी खोल दिया था लेकिन, अजय कुमार यादव को जिला छोड़ना पड़ा था।
अजय कुमार यादव को बेहतरीन पुलिसिंग के लिए जाना जाता है, वे जहां भी तैनात होते हैं, उस क्षेत्र के असामाजिक तत्व मरणासन्न अवस्था में चले जाते हैं, उन्हें यह सब पिता से जीन में ही मिला है, उनके पिता भी बेहतरीन अफसर थे, जिन्हें लोग अभी तक नहीं भूल पाये हैं, वे भी बदायूं जनपद में तैनात रहे थे। अजय कुमार यादव हाल-फिलहाल सदर कोतवाल थे, उनकी तैनाती के बाद से सदर कोतवाली क्षेत्र पूरी तरह शांत हो गया था। कोतवाली क्षेत्र को लेकर एसएसपी ही नहीं, बल्कि आईजी और एडीजी तक का ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता था, ऐसे क्षेत्र को अजय कुमार यादव ने गुंडा मुक्त कर दिया था लेकिन, पिछले कुछ दिनों से अजय कुमार यादव पर अनैतिक दबाव बनाये जा रहे थे। कुछेक बदनाम अफसर उनके हर कार्य में हस्तक्षेप कर रहे थे। जमीनों पर अवैध कब्जे कराने का दबाव बना रहे थे। अजय कुमार यादव ने यह सब करने से मना कर दिया, उनकी एक बदनाम अफसर से अनैतिक कार्य न करने को लेकर नोंक-झोंक भी हुई थी, इसके बाद अजय कुमार यादव ने एसएसपी को कोतवाली से हटा कर क्राइम ब्रांच वगैरह में तैनात करने का प्रार्थना पत्र दे दिया था। अजय कुमार यादव के प्रार्थना पत्र के बाद बदनाम अफसरों पर शिकंजा नहीं कसा गया।
होली की खुशी में हर कोई आनंदित था, उस समय अजय कुमार यादव को लाइन हाजिर कर दिया गया, इसकी भनक असामाजिक तत्वों को लगी तो, उनकी खुशी दोगुना हो गई। असामाजिक तत्व अजय कुमार यादव को हटवाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे, वे नेताओं को मोटी रकम ऑफर कर रहे थे लेकिन, भाजपा नेताओं ने असामाजिक तत्वों को पास नहीं फटकने दिया तो, असामाजिक तत्व बदनाम अफसरों की शरण में चले गये। बदनाम अफसरों ने घेराबंदी कर अजय कुमार यादव को लाइन हाजिर करा दिया। हालाँकि अजय कुमार यादव को हटाने का आधार बरेली जिले में चल रही एक जांच को बनाया गया है लेकिन, यह कार्रवाई किसी के गले इसलिए नहीं उतर रही कि कई सब-इन्स्पेक्टर के रिश्वतखोरी से संबंधित ऑडियो वायरल हो चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें नहीं हटाया गया, साथ ही उनका प्रमोशन भी हो गया, जबकि पुलिस विभाग को बदनाम करने वाले भ्रष्टाचारियों को बर्खास्त होना चाहिए था।
यह भी बता दें कि समाजवादी पार्टी की सरकार में अजय कुमार यादव सिविल लाइंस के थानाध्यक्ष थे तब, सपा के एक प्रभावशाली नेता ने उनसे अनैतिक कार्य कराने चाहे थे, जिसके विरुद्ध अजय कुमार यादव ने मोर्चा खोल दिया था, उस समय गौतम संदेश ने अजय कुमार यादव का शोषण करने की खबर प्रकाशित की थी, जिस पर बड़ा बवाल हुआ था, उसके बाद अजय कुमार यादव को बरेली जिले में तैनात कर दिया गया था। अजय कुमार यादव की कार्यप्रणाली से भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता बेहद खुश थे, वे पैरवी कर अजय कुमार यादव को यहाँ स्थानांतरित करा कर लाये और शहर को शांत रखने के उद्देश्य से सदर कोतवाल बनवाने में सफल रहे लेकिन, अजय कुमार यादव एक बार फिर माफियाराज के शिकार हो गये हैं, सपा सरकार में नेताओं का शिकार बने और भाजपा सरकार में भ्रष्ट अफसरों ने भेंट ले ली है और चाह कर भाजपा नेता कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अब तेजतर्रार एडीजी प्रेमप्रकाश पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं, लोगों को आशा है कि तेजतर्रार एडीजी बदनाम अफसरों पर शिकंजा कसे बिना नहीं मानेंगे। बता दें कि रिटायर्मेंट करीब होने के कारण एक अफसर ने शहर में लूट मचा रखी है।
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