बदायूं नगर पालिका परिषद में पालिकाध्यक्ष का चुनाव अब रोमांच और रहस्य की ओर बढ़ने लगा है। ताज बचाये रखने के लिए निवर्तमान विधायक व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा नई सोच और नई नीति के साथ जमीन पर उतर आये हैं। जनबल के सहारे ताकतवर नेता के रूप में पहचान स्थापित करने के बावजूद आबिद रजा आम आदमी की तरह चुनाव में भाग ले रहे हैं।
आबिद रजा के आवास पर समर्थक स्वतः पहुंच रहे हैं। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने से पहले उनके आवास पर बड़ी संख्या में लोग जुट चुके होते हैं, जो अपने घर और मोहल्ले में आने न आने को कहते हैं, लेकिन आबिद रजा का जवाब होता है कि उनका घर आकर वोट मांगने का दायित्व है, इसलिए वे मना करने के बावजूद भी आयेंगे, यह सुन कर समर्थक गद-गद हो उठते हैं।
आबिद रजा चुनाव कार्यालय पहुंचते हैं, तो वहां पहले से जमा और बड़ी भीड़ उनका इंतजार कर रही होती है, यहाँ भी लोग उनसे उल्टा कहते दिखाई देते हैं कि आप चुनाव की चिंता न करें, वह हम देख लेंगे, इस पर आबिद रजा कहते हैं कि उन्होंने लोगों के दुःख-दर्द में हमेशा साथ दिया है। हमेशा शहर के विकास की बात की है, पथ प्रकाश और सफाई व्यवस्था पर हमेशा जोर दिया है, जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि उन्हें चुनाव के दिनों में चिंता नहीं होती।
आबिद रजा नुक्कड़ सभाओं के द्वारा लोगों को संबोधित कर सकते थे, पर वे ऐसा नहीं कर रहे, वे शालीनता से मोहल्लों में जाकर एक-एक व्यक्ति से मिल रहे हैं, उनसे बैठ कर परिचर्चा कर रहे हैं, उनके प्रचार अभियान की इन दिनों जमकर चर्चा की जा रही है। बता दें कि आबिद रजा की पत्नी निवर्तमान पालिकाध्यक्ष फात्मा रजा ही समाजवादी पार्टी से पालिकाध्यक्ष पद की प्रत्याशी हैं, वे स्वयं भी कड़ी मेहनत कर रही हैं।
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