बदायूं के तेजतर्रार जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह फुल फॉर्म में चल रहे हैं। लापरवाह और भ्रष्टाचारी डीएम के निशाने पर हैं, वे सबको बाउंड्री से बाहर मार रहे हैं, इसके बावजूद भ्रष्टाचारी मान नहीं रहे हैं और लगातार सरकारी धन एवं आम जनता को लूट रहे हैं।
बदायूं नगर पालिका परिषद के कार्यों से शायद ही कोई खुश होगा। नगर पालिका परिषद पहली बार पूरी तरह फेल नजर आ रही है। खेड़ा नबादा के पास बन रहे नाले का एडीएम (प्रशासन) ने डीआरडीए के सहायक अभियंता के साथ आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण में गुणवत्ता घटिया पाई गई। एई से बात की गई तो, वे जिले से बाहर थे, मौके पर ठेकेदार भी नहीं था।
एडीएम ने ठेकेदार आरके शर्मा को ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति करते हुए आख्या डीएम को भेज दी तो, डीएम ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए एई का स्पष्टीकरण मांगने व ठेकेदार के विरुद्ध और कड़ी कार्रवाई करने एवं पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता व डीआरआरडीए के एई को विस्तृत जाँच कर एडीएम को रिपोर्ट देने का आदेश दे दिया।
इसके अलावा ब्लॉक समरेर में तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर विनय की गंभीर अनियमितता प्रकाश में आई है। खंड विकास अधिकारी ने पाया कि विनय पुत्र मोरपाल ने गाँव खुकड़ी के पप्पू अहमद पुत्र सफी, विजय पुत्र मोहन के शौचालयों की द्वितीय किश्त, गाँव सराय पस्तौर के विजय पुत्र ओमपाल एवं गाँव कोहनी जाफराबाद के विजय पुत्र प्रमोद की प्रथम किश्तों को आहरित करने की संस्तुति करते समय बैंक खाता संख्या अपना अंकित कर दिया। बीडीओ ने मुकदमा पंजीकृत कराने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट डीपीआरओ को भेज दी। डीपीआरओ ने सीडीओ के माध्यम से रिपोर्ट डीएम को भेजी तो, डीएम ने तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त करने और धनराशि वसूल करने का निर्देश दिया है।
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