बदायूं नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही यह सवाल आम हो गया कि निवर्तमान पालिकाध्यक्ष फात्मा रजा को चुनौती कौन दे पायेगा? सवाल पर मंथन जारी है, लेकिन लोग त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए एक-दो नामों की भी चर्चा करते नजर आ रहे हैं। भाजपा की रणनीति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आम जनता अपनी ओर से राय रखती नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि फात्मा रजा पहला चुनाव ओमप्रकाश मथुरिया के मुकाबले हार गई थीं, उसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि वह चुनाव ओमप्रकाश मथुरिया का अंतिम चुनाव माना जा रहा था, जिससे लोग बड़ी संख्या में उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ गये, वहीं वसीम अंसारी ने फात्मा रजा का टैंपो नहीं बनने दिया, इसके अलावा विधान सभा चुनाव के बाद पालिका चुनाव हुए, जिससे आबिद रजा के घर में लगातार दो पद देने को लोग अचानक तैयार नहीं हुए, लेकिन जब उप-चुनाव हुआ, तो लोगों के विचार बदल गये और फिर सपा प्रत्याशी के रूप में फात्मा रजा ने 50788 मत प्राप्त किये, उन्होंने 23963 मत पाने वाली भाजपा प्रत्याशी दीपमाला गोयल को हरा कर रिकॉर्ड कायम कर दिया।
चुनावी दृष्टि से स्थिति अब भी फात्मा रजा के पक्ष में है। हाल-फिलहाल चर्चा हार-जीत को लेकर नहीं, बल्कि यह है कि फात्मा रजा को चुनौती कौन दे पायेगा?, इस सवाल के जवाब में सिर्फ दो नाम ही सामने आ रहे हैं। लोगों का मानना है कि पूर्व भाजपा प्रत्याशी दीपमाला गोयल और सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता की पत्नी विमलेश कुमारी ही फात्मा रजा को चुनौती दे सकती हैं, लेकिन भाजपा इन दोनों के बारे में क्या निर्णय लेती है, इसका खुलासा भविष्य में ही हो सकेगा, वहीं डॉ. राबिया का नाम भी चर्चाओं में था, पर उनकी अब क्या मंशा है, इसका खुलासा उनके द्वारा नहीं किया जा रहा है। डॉ. राबिया के साथ दीपमाला गोयल, या विमलेश कुमारी फात्मा रजा की राह कठिन कर सकती हैं।
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