बदायूं की नगर पालिका परिषद पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है, लेकिन पालिका के अंदर अधिकांश कार्य राष्ट्रीय सेवक संघ, भाजपा और सरकार के विपरीत ही हो रहे हैं। जिस उत्साह से भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव में भाग लिया था, उनका उत्साह भी कुछ ही महीनों में गायब हो गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यालयों में महात्मा गाँधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र लगाने का निर्देश दिया है। अधिकांश कार्यालयों में चित्र लग चुके हैं, लेकिन पालिका में सरकार का निर्देश नहीं चलता, यहाँ साईं बाबा का चित्र लटका नजर आता है, जबकि साईं बाबा को लेकर राष्ट्रीय स्तर चर्चा हो चुकी है। आस्था, श्रद्धा, धर्म वगैरह व्यक्ति के निजी विषय हैं, जिन्हें सरकारी व्यवस्था में समाहित नहीं किया जा सकता। आरती, नमाज व्यक्ति को घर, अथवा धार्मिक स्थल पर करना चाहिए, क्योंकि सरकारी कार्यालय किसी एक धर्म के नहीं होते, इसलिए नियमानुसार पालिका कार्यालय में महात्मा गाँधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र लगने चाहिए, लेकिन बात भाजपा और आरएसएस की विचारधारा की करें, तो उनकी विचारधारा के अनुरूप श्रीराम का चित्र लगना चाहिए। साईं बाबा का चित्र लटकाना किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जायेगा।
नगर पालिका परिषद में अन्य तमाम तरह की अव्यवस्थाओं का भी बोलबाला है,, यहाँ विपक्षी दल का कब्जा होता, तो भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता प्रशासन पर दबाव बना कर व्यवस्थायें दुरुस्त करा लेते। विधान सभा चुनाव में शहर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना भी महेश चंद्र गुप्ता का वादा था, जिससे तमाम तरह की शिकायतें शहर के लोग महेश चंद्र गुप्ता से करते हैं। बताते हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं को भी पालिका के अंदर उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है, पर शिकायतों के बावजूद महेश चंद्र गुप्ता पालिका में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। नगर पालिका में तेजतर्रार ईओ तैनात किये बिना व्यवस्थायें दुरुस्त नहीं हो सकतीं, इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं का विधायक पर ईमानदार ईओ तैनात कराने का दबाव बना हुआ है। अब देखना यह है कि शहर की व्यवस्था सही कराने में विधायक रूचि लेंगे, या नहीं।
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