बदायूं नगर पालिका परिषद में चल रहा लूट का खेल आज भूल से सार्वजनिक हो गया। लूट में किसका, कितना हिस्सा होता है, यह जान कर लोग स्तब्ध दिखाई दे रहे हैं। अब देखते हैं कि उच्चाधिकारी लूट और लुटेरों पर क्या कार्रवाई करेंगे।
माना जा रहा है कि नगर पालिका परिषद के किसी बाबू ने किसी ठेकेदार को बकाया (रिश्वत) धनराशि का हिसाब बताया होगा, उस पर्चे का ठेकेदार ने मोबाइल से फोटो लिया होगा। भूल से वह पर्चा वायरल हो गया। पर्चे पर आज की ही तारीख लिखी हुई है। कई सारे कार्यों का विवरण है, उनके आगे धनराशि लिखी हुई है। सबसे ऊपर कुल कमीशन (रिश्वत) 28% लिखी है, जिसमें सबके हिस्से भी दर्शाये गये हैं। 4% जेई, 5% ईओ, 2% ऑफिस, 1% एई की रिश्वत लिखी है, इसके नीचे 12/16 लिखा है, जिसका मतलब होता है कि 12% बाकी सबको देने के बाद शेष 16% कमीशन चेयरमैन की होती है। सूत्रों का कहना है कि 16% में से 3% जिला कार्यालय को भी जाता है।
इसके अलावा पर्चे में छः कार्यों के नीचे गेस्ट हाउस की रंगाई पुताई के संबंध में भी लिखा है, इसके बीच में गोले में 22 लिखा है, इसका मतलब है कि यह कार्य कम आमदनी वाला है, इसलिए इस कार्य का कमीशन (रिश्वत) 22% ली जायेगी। सबसे नीचे कुल कार्यों की कमीशन (रिश्वत) 201708 दर्शाई गई है, जिसमें 100000 रूपये रिश्वत के जमा दर्शाए गये हैं, शेष संबंधित व्यक्ति को देने हैं।
नगर निकायों में यह सब होता है, यह सबको पता है लेकिन, कमीशनखोरी के पर्चे के वायरल होने का मतलब है कि रिश्वतखोरी का साक्ष्य वायरल हो रहा है। पर्चे में दर्ज कार्यों में फर्जीवाड़ा हुआ है, इसलिए अब देखना यह है कि उच्चाधिकारी संबंधित भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई करते हैं। फिलहाल भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस वाले दावे की हवा निकल गई है।
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