बदायूं नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी अपना योद्धा खोजने में जुटी हुई है। शीर्ष नेतृत्व विभिन्न बिन्दुओं पर मंथन कर रहा है। चर्चा-परिचर्चा के बाद समस्त मापदंडों पर खरा उतरने वाले व्यक्ति को भाजपा अपना प्रत्याशी घोषित कर देगी। भाजपा के प्रत्याशी को लेकर पक्ष-विपक्ष के लोग बेचैन हैं, इस गहमा-गहमी के बीच भाजपा के मठाधीश और उनके बेटे भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के स्वयं-भू मठाधीश और उनके दोनों बेटे अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। मठाधीश और उनके दोनों बेटे, मतलब तीनों लोग अलग-अलग तीन प्रत्याशियों के साथ हैं, तीन लोगों को पालिकाध्यक्ष बनने का सपना दिखा रहे हैं, साथ ही अपने-अपने प्रत्याशी को टिकट दिलाने को संबंधित लोगों पर दबाव भी बना रहे हैं। टिकट वितरण की कमान संभाल रहे पदाधिकारी समझ ही नहीं पा रहे हैं कि मठाधीश की मानें, अथवा उनके दोनों बेटों की, यह बात पहले कुछ लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी, उसके बाद एक अलग ही तरह की राजनीति को लेकर तीनों हास्य का पात्र बनने लगे और फिर पदाधिकारी गंभीरता से भी लेने लगे। मठाधीश और उनके बेटों की गंदी राजनीति के बारे में शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने मठाधीश और उनके बेटों को इस तरह की राजनीति करने को लेकर चेताया भी है, जिसके बाद से तीनों पिता-पुत्र अवसाद की अवस्था में नजर आ रहे हैं।
शातिर किस्म के स्वयं-भू मठाधीश की नीतियों के चलते एक बार भाजपा जिले में पूरी तरह खत्म हो चुकी है, इसके बावजूद मठाधीश की नीतियों में अब भी कोई बदलाव नहीं आ पा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि बेटे भी पिता की ही राह पर चल रहे हैं। कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं, दर्शाते कुछ हैं, इसीलिए तीनों पिता-पुत्र जमीन से नहीं जुड़ पा रहे हैं। नगर निकाय चुनाव में गंदी नीयत का प्रदर्शन इसलिए करने लगे कि तीनों प्रत्याशियों में से जिसका भी टिकट होगा, वह परिवार के विरुद्ध नहीं जायेगा, परिवार के किसी भी सदस्य का चहेता होने के कारण लोकसभा चुनाव में उनके साथ रहेगा, लेकिन शातिर सोच तीनों पिता-पुत्र पुत्र पर इस बार उल्टी पड़ गई है। तीनों पिता-पुत्र द्वारा जिन-जिन व्यक्तियों को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की जा रही थी, वे तीनों प्रत्याशी भाजपा के हाईकमान ने टिकट की दौड़ से बाहर कर दिए हैं। भाजपा अब किसी चौथे व्यक्ति को टिकट देगी।
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