बदायूं जिले के मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पांडेय भ्रष्टाचारियों और लापरवाहों को बिल्कुल भी राहत नहीं देते। सीडीओ के निशाने पर आज एक प्रधान और सचिव आ गये, जिन पर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। सीडीओ की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।
सोमवार को विकास भवन स्थित सभाकक्ष में मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पांडेय ने ओडीएफ अभियान की समीक्षा की। उन्होंने पाया कि ग्राम ननाखेड़ा में 594 शौचालयों के निर्माण हेतु धनराशि अवमुक्त की गई थी, जिसके सापेक्ष 486 शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है, परन्तु 108 शौचालय बनाया जाना अभी भी शेष है। सीडीओ ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि बीडीओ उझानी मामले की जांच करें और जो भी वर्तमान में तैनात अथवा पूर्व तैनाती के दौरान दोषी पाया जाए, उस ग्राम सचिव एवं प्रधान के विरुद्ध सम्बंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाए।
समीक्षा के दौरान ग्राम ननाखेड़ा के नोडल अधिकारी की रिपोर्ट पर उक्त प्रकरण प्रकाश में आया है। शौचालय निर्माण के बाद एमआईएस का कार्य इतना पिछड़ गया है कि प्रदेश स्तर पर जनपद 73वें स्थान पर है। सीडीओ ने इस पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए तीन दिन की मोहलत दी है। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में सुधार नहीं होता है, तो स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की सेवायें समाप्त कर दी जायेंगी और एडीओ पंचायत एवं सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी के विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस खण्ड प्रेरक का जिस दिन का एमआईएस कार्य शून्य है, उसे उस दिन का मानदेय नहीं दिया जाएगा, इस अवसर पर जिला स्तरीय अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।
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