बदायूं की महिला नेत्री ने सीओ सिटी वीरेन्द्र यादव के विरुद्ध प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर गंभीर आरोप लगाये थे, जिस पर कार्रवाई होने की जगह महिला नेत्री और उसके पति सहित तमाम लोगों पर गंभीर धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया गया। विवाद होने के बावजूद पुलिस-प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए विवादित जगह पर निर्माण कार्य भी करा दिया।
उल्लेखनीय है कि पत्रकारों के सामने दोपहर महिला नेत्री माधवी साहू ने आरोप लगाया था कि डॉ. वैभव गुप्ता उसकी जगह कब्जा रहा है और उन्हें पुलिस ने घर में कैद कर दिया था, साथ ही पुलिस-प्रशासन खुलेआम कब्जा करने वाले का साथ दे रहा है। माधवी साहू ने यह भी आरोप लगाया था कि सीओ सिटी वीरेंद्र यादव के पास गईं तो, समस्या सुनने और मदद करने की जगह सीओ सिटी ने उल्टा सवाल किया कि औरत होकर आप आ जाती हो, आपके घर में कोई आदमी नहीं है क्या, इस पर माधवी साहू ने घोर आपत्ति जताई।
सीओ पर लगाये गये आरोपों की जाँच कराने और कार्रवाई कराने की जगह पुलिस ने आरोप लगाने वाली महिला नेत्री माधवी साहू, उनके पति और अन्य पर घर में घुस कर बवाल करने का मुकदमा दर्ज दिया लेकिन, निर्माण कार्य नहीं रुकवाया। सिटी मजिस्ट्रेट ने भी निर्देश दिए थे कि शांति व्यवस्था रखी जाये। मुकदमा से यह भी सिद्ध हो गया कि शांति भंग हुई, विवाद बढ़ गया तो, सवाल यह है कि पुलिस ने निर्माण कार्य क्यों नहीं रुकवाया?
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