बदायूं जिले का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि यहाँ हर कोई लूटने के इरादे से ही आता है। हूणों से लेकर आज तक हर कोई लूट ही रहा है। “भैया जी” के राहु-केतु ने जमकर लुटाई की थी, वैसे ही अब “दीदी जी” का बाहरी फाइनेंसर दिनदहाड़े संपत्तियों पर कब्जा करा रहा है। पुलिस-प्रशासन “दीदी जी” के आगे नतमस्तक है, जिससे भू-माफिया पहली बार बेखौफ भी नजर आ रहे हैं।
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सनसनीखेज प्रकरण कस्बा सहसवान का है। मोहल्ला शहवाजपुर में स्थित शत्रु संपत्ति पर भू-माफियाओं की गिद्ध दृष्टि लंबे समय से जमी हुई थी। एक तहसील कर्मी ने अपने रिश्तेदार के नाम शत्रु संपत्ति का फर्जी बैनामा करा लिया था और प्रशासन में पैठ होने के कारण अन्य दस्तावेज भी फर्जी तौर पर पूरे करा लिए थे। “भैया जी” के राहु-केतु ने सहसवान के अपने दलाल को सक्रिय करा दिया, जो पुलिस-प्रशासन से लगातार शिकायतें करने लगा, जिससे तहसील कर्मी भू-माफिया शत्रु संपत्ति पर कब्जा नहीं कर पा रहा था। प्रकरण हाईकोर्ट भी गया पर, वहां से भी भू-माफिया को कोई राहत नहीं मिली, इस बीच तहसील कर्मी भू-माफिया की सेटिंग “दीदी जी” के फाइनेंसर से हो गई, साथ ही भू-माफिया ने राहु-केतु के दलाल से भी सेटिंग कर ली। 15 लाख रूपये लेकर राहु-केतु के दलाल ने शिकायतें बंद कर दीं, वहीं “दीदी जी” के सिफारिश करते ही पुलिस-प्रशासन मौन हो गया।
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बताते हैं कि “दीदी जी” के जिले के बाहर के एक फाइनेंसर हैं, जो चुनाव से लेकर उनके आने और रहने तक का खर्च करते हैं, इसके बदले फाइनेंसर की शर्त यही रहती है कि वह चाहे जो करे, उस पर सवाल नहीं करना है कभी। “दीदी जी” व्यक्तिगत रूप से ईमानदार हैं पर, फाइनेंसर की शर्त के चलते वे भू-माफियाओं की सिफारिश करने को बाध्य हैं। बंद कमरे में जो भी होता है, उस बारे में आम जनता को नहीं पता होता। आम जनता वैसे सोचती है, जैसा उसे दिखता है। शत्रु संपत्ति पर रात-दिन अवैध कब्जा किया जा रहा है, साथ ही भू-माफिया की दबंगई से आम जनता को यही लग रहा है कि इस सबके पीछे “दीदी जी” हैं।
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बताते हैं कि शत्रु संपत्ति को भू-माफिया ने 3 करोड़ 75 लाख रूपये में बेच दिया है, जिसमें से 1 करोड़ रुपया “दीदी जी” के फाइनेंसर ने लिया है एवं 15 लाख रुपया शिकायत करने वाले राहु-केतु के दलाल को दिए हैं, शेष रुपया तहसील कर्मी भू-माफिया डकार गया है। “दीदी जी” ने शत्रु संपत्ति पर हो रहा अवैध कब्जा नहीं रुकवाया और भू-माफियाओं पर कार्रवाई नहीं करवाई तो, “दीदी जी” का भी वही हाल होगा, जो “भैया जी” का हो चुका है। “भैया जी” के विकास कार्यों पर राहु-केतु की लूट भारी पड़ गई थी, ऐसे ही अब फाइनेंसर “दीदी जी” की छवि और कैरियर को बर्बाद कर देगा, इस ओर “दीदी जी” को समय रहते ध्यान देना होगा और भू-माफियाओं पर त्वरित कार्रवाई कराना होगी।
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