बदायूं जिले के छः विधान सभा क्षेत्रों में से पांच पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है, इसके बावजूद लोगों का मानना है कि बदायूं जिला समाजवादी सोच वाला है। समाजवादी पार्टी का संगठन बहुत ज्यादा मजबूत कभी नहीं रहा लेकिन, बनवारी सिंह यादव के रहते कभी संगठन की कमी महसूस नहीं हुई। बनवारी सिंह यादव का व्यक्तित्व इतना विशाल हो गया था कि वे संगठन के पर्याय बन गये थे। उनके निधन के बाद उनके बेटे आशीष यादव को जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया, जो विवादों से दूर रह कर संगठन को गति देने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं लेकिन, धर्मेन्द्र यादव की रोमांचकारी और स्फूर्ति दायक मौजूदगी के चलते समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एवं समर्थक पहले की तुलना में और अधिक संगठित नजर आ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव न सिर्फ बदायूं लोकसभा क्षेत्र में बल्कि, जिले भर में छाये हुए हैं, वे बदायूं लोकसभा क्षेत्र के बाहर के गांवों और कस्बों में भी उतनी ही खुशी से जाते हैं, जितनी खुशी से अपने क्षेत्र में भ्रमण करते हैं। दातागंज और शेखूपुर विधान सभा क्षेत्र आंवला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं, इसके बावजूद सांसद धर्मेन्द्र यादव इस क्षेत्र के निजी और सार्वजनिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनते रहते हैं, इसीलिए उनकी पहुंच जिले भर के कस्बों और गांवों तक पहुंच गई है, उन्होंने आम जनता से आत्मीय रिश्ता कायम कर लिया है।
जिले भर में ऐसा कोई गाँव और मजरा नहीं बचा है, जहाँ के लोगों को धर्मेन्द्र यादव नाम और चेहरे से न जानते हों। गुजरे दौर में नेता और जनता के बीच में कुछ खास लोग रहते थे, जो जनता को नेता से दूर ही रखते थे, इससे बीच के लोगों की अहमियत दोनों तरफ बनी रहती थी, इस परंपरा को धर्मेन्द्र यादव ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है। धर्मेन्द्र यादव के बारे में गाँव और मजरों के लोग भी यह कहते सुने जा सकते हैं कि उनसे ज्यादा खास कोई और नहीं है मतलब, हर किसी को यह लगता है कि धर्मेन्द्र यादव से उसके ज्यादा नजदीकी संबंध हैं।
मृदुभाषी होने के साथ उदारता का आलम यह है कि कभी भी, कहीं भी, कोई भी रोक कर सेल्फी लेने को कह दे देता है और धर्मेन्द्र यादव भी कभी किसी को निराश नहीं करते। फेसबुक और वाट्सएप पर लगी फोटो को गिना जाये तो, लाखों लोग धर्मेन्द्र यादव के साथ ली गई फोटो को लगा कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। फेसबुक और वाट्सएप पर हर तीसरी फोटो धर्मेन्द्र यादव के साथ ही नजर आती है।
धर्मेन्द्र यादव की जमीन पर निरंतर मजबूत होती पकड़ का ही परिणाम है कि पहले चुनाव के बाद दूसरे चुनाव में उनकी जीत का अंतर बहुत बढ़ गया और इस बार माना जा रहा है कि धर्मेन्द्र यादव आम चुनाव में देश के अंदर जीत के अंतर को लेकर रिकॉर्ड कायम करेंगे। समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में धर्मेन्द्र यादव के प्रयासों से हुए विकास कार्यों का तोड़ किसी नेता और किसी दल के पास नहीं है, इसीलिए विपक्ष में होने के बावजूद लोगों को भनक लग जाये कि धर्मेन्द्र यादव आ रहे हैं तो, उस दिशा के लिए सैलाब उमड़ पड़ता है। भीषण गर्मी में खेती के जरूरी कार्य छोड़ कर विपक्ष के नेता के पीछे जनता का दौड़ना बड़ी घटना है, इसीलिए विरोधियों को जून के महीने में ठंड लगती नजर आ रही है।
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