बदायूं लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रहने का रिकॉर्ड बना चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद पहली बार विशाल काफिले के साथ आये तो, आम जनता ने उन्हें हाथों-हाथ लिया, उनका जोरदार नारों के बीच जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया पर, वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी का समाजवादी पार्टी द्वारा स्वागत नहीं किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहजता, सरलता, सौम्यता, ईमानदारी, वचनबद्धता और अनुभव के चलते सलीम इकबाल शेरवानी को निजी तौर पर बेहद सम्मान देते हैं लेकिन, अखिलेश यादव की भावनाओं की कद्र बदायूं की समाजवादी पार्टी में नहीं की गई, इससे सवाल उठ रहा है कि अखिलेश यादव का बदायूं की समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण नहीं है?
लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष सलीम इकबाल शेरवानी ने चुनिंदा साथियों के संग समाजवादी पार्टी की सदस्यता की थी, जिसके बाद सलीम इकबाल शेरवानी समाजवादी पार्टी की शक्ति बढ़ाने में जुट गये। प्रदेश के तमाम प्रमुख नेताओं को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करा चुके हैं। बेहतरीन रणनीतिकार होने कारण अखिलेश यादव उनसे सलाह लेते हैं, उन्हें कार्यकर्ता सम्मेलनों में हेलीकॉप्टर से ले जाकर भाषण दिलाते हैं, वही सलीम इकबाल शेरवानी ढाई सौ से भी ज्यादा गाड़ियों के काफिले के साथ पहली बार बदायूं आये तो, समाजवादी पार्टी की ओर से एक भी स्वागत कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया, उन्हें समाजवादी पार्टी के कार्यालय नहीं ले जाया गया, इससे चारों ओर यही सवाल गूँज रहा है कि बदायूं में अखिलेश यादव का समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण नहीं है?
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खैर, सलीम इकबाल शेरवानी स्थानीय राजनीति को न सिर्फ गर्म कर गये बल्कि, कई सारी अफवाहों और बयानों की भी हवा निकाल गये। हाल-फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा सदर विधान सभा क्षेत्र का टिकट है। पूर्व मंत्री आबिद रजा को लेकर आम जनता और मीडिया उत्सुक रहती है। पिछले दिनों धर्मेन्द्र यादव ने स्पष्ट कहा था कि आबिद रजा पर समाजवादी पार्टी में कोई विचार नहीं होगा, उन्हें समाजवादी पार्टी नहीं लेगी। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव ने भी आबिद रजा का नाम लिए बिना कहा था कि वे समाजवादी पार्टी में नहीं हैं, उनके नाम पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
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सलीम इकबाल शेरवानी को धर्म-निर्पेक्ष नेता माना जाता है, वे संकोची स्वाभाव के माने जाते हैं, वे काम करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं, बोलते कम हैं तभी, उन्होंने बबराला में स्थापित टाटा फर्टिलाईजर्स का श्रेय लेने का प्रयास कभी नहीं किया, उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज की तरह न कभी चर्चा की और न ही कभी फ्लैक्स, बैनर और पोस्टर पर लिखवा कर प्रचार कराया। उनका मानना रहा है कि आम जनता काम करने को और सेवा करने को ही चुनती है। जनप्रतिनिधि जितना काम करा दे, उतना कम ही कहा जायेगा। टाटा फर्टिलाजर्स ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है, उससे खाद के साथ हजारों लोगों को रोजगार मिला है, उससे आम जनता को अन्य तमाम लाभ हो रहे हैं, इसी तरह बरेली-बदायूं-कासगंज रेलवे लाइन का आमान परिवर्तन कराने का कार्य उनके प्रयासों से ही हुआ है पर, सलीम इकबाल शेरवानी कभी जताते नहीं हैं, ऐसे संकोची नेता सलीम इकबाल शेरवानी ने आज धुआंधार गेंदबाजी कर तमाम बढ़बोले नेताओं को क्लीन बोल्ड कर दिया।
पूर्व मंत्री आबिद रजा के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए सलीम इकबाल शेरवानी ने स्पष्ट कहा कि आबिद रजा सदर से टिकट के मजबूत दावेदार हैं। आबिद रजा को टिकट मिलेगा तो, उन्हें खुशी होगी, वे आबिद रजा के टिकट को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से पैरवी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आजम खान जेल में हैं, इसलिए आबिद रजा ने अभी तक पार्टी ज्वाइन नहीं की है।
आबिद रजा से धर्मेन्द्र यादव की नाराजगी के सवाल पर सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा कि अखिलेश यादव अगर, मुख्यमंत्री बनेंगे तो, मैं उनका साथी कहा जाऊँगा पर, धर्मेन्द्र यादव के भाई मुख्यमंत्री होंगे, उनकी तुलना में धर्मेन्द्र यादव को सौ गुना ज्यादा फायदा होगा, इसलिए धर्मेन्द्र यादव को अपना दिल बड़ा करना चाहिए। सलीम इकबाल शेरवानी का इतना कहना बहुत बड़ी बात है, क्योंकि वे विवादित मामलों पर अपनी राय कभी नहीं रखते, उनका इतना कहने का आशय है कि आबिद रजा का टिकट अब समाजवादी पार्टी से होना तय है, इसके अलावा सलीम इकबाल शेरवानी ने यह भी स्वीकार किया कि जिले में समाजवादी पार्टी कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को पहले की तरह ही मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करेंगे, इसके लिए लोगों को जोड़ना पड़ेगा तो, जोड़ेंगे।
आबिद रजा के आवास पर पत्रकार वार्ता करने के बाद सलीम इकबाल शेरवानी कस्बा ककराला स्थित कार्यक्रम में शामिल होने चले गये, जहाँ उन्होंने संबोधित करते हुए उपस्थित लोगों से समाजवादी पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया, इसके बाद पुनः लौट कर शहर में आये और आबिद रजा के साथ एक शादी समारोह में शामिल हुए।
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