बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जोड़-तोड़ का अभियान जोर-शोर से चल रहा है। रूठों को मनाया जा रहा है, उनकी शर्तों को माना जा रहा है। सामंती व्यवस्था की तरह छोटी रियासतों का विलय चर्चा का विषय बना हुआ है। सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव के साथ सहसवान के पालिकाध्यक्ष बाबर मियां भी एक बार फिर आ गये हैं।
पढ़ें: सपा ने जिले में खेला धार्मिक कार्ड, सहसवान में बाबर को दिया धोखा
सहसवान में मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां राजनैतिक रूप से बेहद मजबूत माने जाते हैं, वे पहले सपा में ही थे लेकिन, नगर निकाय चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला तो, वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत गये। धर्मेन्द्र यादव उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे थे लेकिन, बाबर निर्दलीय ही खुश थे और सपा में आने को तैयार नहीं थे, इस बीच लोकसभा चुनाव के चलते धर्मेन्द्र यादव के प्रतिनिधि जमशेद “गुड्डू” सहित अन्य तमाम लोग सक्रिय हुए और बाबर को धर्मेन्द्र यादव के साथ आने को मनाने में सफल हो गये।
बाबर का संकेत मिलते ही धर्मेन्द्र यादव आवास पर पहुंच गये। बंद कमरे में वार्ता हुई, कई शर्तें रखी गईं, जिन्हें मान लिया गया लेकिन, शर्तों का खुलासा नहीं हुआ है। बता दें कि जमशेद “गुड्डू” सपा में पालिकाध्यक्ष के लिए टिकट के अगले दावेदार माने जाते हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि फैसला कराने वाले और करने वाले में से अगली बार कौन किनारे लगाया जायेगा। बाबर चालें नहीं समझते, जिससे माना जा रहा है कि धोखा अगली बार भी उनके हिस्से में ही आयेगा।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)