बदायूं जिले की समाजवादी पार्टी में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। वरिष्ठ नेता आजम खान के हस्तक्षेप के बावजूद धर्मेन्द्र यादव और आबिद रजा के बीच की दूरियां मिट नहीं पा रही हैं। धर्मेन्द्र यादव के एक और चुनाव कार्यालय का उद्घाटन होने वाला है, जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि आबिद रजा शामिल नहीं होंगे।
सदर क्षेत्र के निवर्तमान विधायक व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा मुस्लिम समाज के जिले के कद्दावर नेता हैं, वे सत्ता में थे, उस समय न सिर्फ जिले के बल्कि, आस-पास के भी मुस्लिम समाज के पीड़ित उनके पास आते थे और वे उन्हें राहत प्रदान करते थे।
आबिद रजा की ताकत का अहसास उस समय हुआ, जब उन्होंने पिछले दिनों मुस्लिम जागरूकता अभियान चलाया था, उनके अभियान में जिले भर से मुस्लिम समाज के लोग जुड़ रहे थे, वे जहां भी जाते थे, वहां मुस्लिम समाज की औरतें तक छतों पर आ जाती थीं।
शहर विधान सभा क्षेत्र की बात करें तो, यहाँ उनकी तूती बोलती है, उनकी निचले तबके पर इतनी मजबूत पकड़ है कि वे उनके आह्वान पर कुछ भी कर सकते हैं। शहर क्षेत्र में आम मुस्लिम मतदाता मौन धारण किये हुए है, उसका कारण आबिद रजा ही हैं, क्योंकि अभी तक आबिद रजा खुल कर कुछ नहीं कह रहे हैं।
पिछले दिनों आजम खान ने आकर धर्मेन्द्र यादव और आबिद रजा के बीच बन चुकी दूरियों को मिटाने का प्रयास किया था लेकिन, अभी तक आबिद रजा सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव और समाजवादी पार्टी के कार्यक्रमों से दूरियां ही बनाये हुए नजर आ रहे हैं। धर्मेन्द्र यादव के दूसरे चुनाव कार्यालय का शाम को लालपुल के निकट उद्घाटन होने वाला है, जिसको लेकर चर्चा है कि उदघाटन कार्यक्रम में आबिद रजा शामिल नहीं होंगे, ऐसा हुआ तो, सिद्ध हो जायेगा कि आबिद रजा अब भी नाराज हैं, जिसका धर्मेन्द्र यादव को राजनैतिक रूप से बड़ा नुकसान हो सकता है।
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