बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव का नामांकन जमा करवाने आये प्रो. रामगोपाल यादव अनचाहे में ऐसा कुछ कह गये, जिसका धर्मेन्द्र यादव को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि वे नहीं होते तो, बदायूं लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित हो गया होता।
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प्रो. रामगोपाल यादव ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे परिसीमन आयोग के सदस्य थे, उसकी बैठक में वे नहीं होते तो, बदायूं लोकसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया होता, यह खुलासा करने का उनका भाव अच्छा रहा होगा, वे यह जताना चाहते होंगे कि धर्मेन्द्र यादव जैसा कर्मठ नेता उनके कारण मिला है, साथ ही वे धर्मेन्द्र यादव को भी यह अहसास कराना चाहते होंगे कि जहाँ के लोगों के दिलों में वे बस गये हैं, उसका अवसर उनके कारण मिला है।
खैर, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन है, यहाँ की सीट सपा के खाते में है, जिससे बसपा के कार्यकर्ता सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को लड़ा रहे हैं, ऐसे में अनुसूचित वर्ग की समझ में अगर, यह बात आ गई कि बदायूं लोकसभा क्षेत्र से उनके वर्ग का प्रतिनिधि प्रो. रामगोपाल यादव के कारण नहीं है तो, इसका सीधा नुकसान सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को हो सकता है।
इसके अलावा प्रो. रामगोपाल यादव ने प्रोफेसर की तरह ही उपस्थित जनता को समझाया कि वे 23 अप्रैल तक टीवी, अखबार, सोशल मीडिया से दूर रहें, उनकी भी खबर आये तो, उस पर भी विश्वास न करें। आपस में बात करें, मतदान करें, फिर 23 अप्रैल को टीवी देखें। बोले- टीवी पर दो ऐसे चेहरे आते हैं, जिन्हें देख कर सुबह ही दिन खराब हो सकता है। उन्होंने अंत में यह तक कह दिया कि सब दो-दो वोट डालें और धर्मेन्द्र यादव को जितायें। उन्होंने भाजपा की केंद्र व यूपी सरकार की भी आलोचना की।
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