बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव अपनी गलत कार्य प्रणाली के चलते पार्टी के नेताओं से ही जूझने लगे हैं। चहेतों के नाराज होने से धर्मेन्द्र यादव की सांस फूल गई है, जिससे सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। असंतुष्ट धर्मेन्द्र यादव की कोठी पर जाने को तैयार नहीं हैं। असंतुष्ट राष्ट्रीय नेता डॉ. यासीन उस्मानी के आवास पर बैठ कर वार्ता करना चाहते हैं।
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धर्मेन्द्र यादव की कार्य प्रणाली से अब अधिकांश पदाधिकारी और नेता आहत नजर आ रहे हैं। धर्मेन्द्र यादव अपने लाभ के लिए कुछ भी कर सकते हैं, जिससे छोटे-बड़े अधिकांश पदाधिकारियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। धर्मेन्द्र यादव अपने चहेते पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अब तक कह रहे थे कि इस बार वे आबिद रजा से फैसला नहीं करेंगे, इस दावे को सही मानते हुए मुस्लिम समाज के तमाम लोग धर्मेन्द्र यादव के साथ खड़े हो गये थे और उनका साहस बढ़ाने लगे लेकिन, साथ खड़े होने वाले चहेतों को बताये बिना ही धर्मेन्द्र यादव ने न सिर्फ फैसला कर लिया बल्कि, आबिद रजा के आवास पर जाकर भोजन तक ग्रहण कर लिया।
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पार्टी के नेताओं का कहना है कि उन्हें आबिद रजा से फैसला करने में समस्या नहीं है पर, आबिद रजा के आवास पर धर्मेन्द्र यादव को उन्हें भी साथ लेकर जाना चाहिए था, इसी बात से नाराज होकर पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रचार को मिलीं गाड़ियाँ वापस कर दी थीं और अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यासीन उस्मानी आवास पर जमा कर होकर कड़ी आपत्ति जताई थी। असंतुष्टों का मानना है कि डॉक्टर उस्मानी के आवास पर आकर धर्मेन्द्र यादव उनसे वार्ता करें लेकिन, धर्मेन्द्र यादव अपने राष्ट्रीय नेता के आवास पर आने को तैयार नहीं हैं, जिससे बात बढ़ती जा रही है।
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सूत्रों का कहना है कि धर्मेन्द्र यादव डॉक्टर उस्मानी से बात कर रहे हैं और सभी के साथ अपनी कोठी पर आने को कह रहे हैं लेकिन, असंतुष्ट गुट वार्ता किये बिना कोठी पर जाने को तैयार नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बीच मझधार में चहेतों के भाग जाने से धर्मेन्द्र यादव परेशान हैं, जिससे उन्होंने आज के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं, वहीं उनके प्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली से भी तमाम लोग आहत बताये जा रहे हैं, साथ ही बाबर मियां के आने से सहसवान क्षेत्र के सपा नेता भी आहत हैं, उन्होंने भी स्वयं को प्रचार से अलग कर लिया है।
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