बदायूं लोकसभा क्षेत्र को पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने मथना शुरू कर दिया है। आबिद रजा ने सहसवान विधान सभा क्षेत्र में दर्जनों गांवों का दौरा करते जनसभाओं को भी संबोधित किया। जनसभाओं में बड़ी संख्या में लोग आबिद रजा को देखने और सुनने आये।
आबिद रजा ने कहा कि मुसलमानों तुम्हें अपना सियासी शऊर बढ़ाना होगा, प्रजातंत्र के देश में अगर तुम्हें अपनी ताकत बढ़ानी है तो, अपने सांसद बना कर लोकसभा में भेजने होंगे तभी, तुम्हारी लोकसभा में ताकत बढ़ेगी। सन 2014 के चुनाव में आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी से कोई मुसलमान सांसद नहीं बना। यह अफसोस की बात ही नहीं है बल्कि, तुम्हारे लिए फिक्र की भी बात है।
उन्होंने खासतौर से मुसलमानों से यह कहा कि तुम अपनी सियासी ताकत बढ़ाने के लिए सेकुलर हिंदुओं से दोस्ती कर के उनके दिल में जगह बनाओ, दलितों से व्यक्तिगत संबंध बनाकर किसानों, गरीबों ,मजदूरों की आर्थिक मदद न कर सको तो, भावात्मक रूप से उनका सम्मान कर के उनसे राजनैतिक रिश्ता बनाओ, उनके दुख-सुख में जाकर उन्हें अपना राजनैतिक साथी बनाओ।
बोले- भाजपा हिंदू और मुसलमान में नफरत पैदा कर के अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना चाहती है। मुसलमानों तुम इसके ठीक उल्टा सेकुलर हिंदू से प्यार का रिश्ता बनाकर आगे बढ़ो। 2019 में भाजपा का सफाया तय है। सेकुलर हिंदू, मुसलमानों को मिलकर यह लड़ाई लड़नी है। जैसे देश की आजादी के लिए हिन्दू, मुसलमान ने हिंदुस्तानी बनकर लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराया था, वैसे ही हमें 2019 में देश को भाजपा से आजाद कराना है।
उन्होंने कहा कि बदायूं जिले के हालात अलग हैं। बदायूं जिले में भाजपा के साथ-साथ भाजपा की ए टीम को भी हराना है। पर्दे के पीछे भाजपा और भाजपा की ए टीम एक-दूसरे की मदद करते हैं, अब उनका चेहरा मुसलमान जान चुके हैं, इसलिए भाजपा की ए टीम मुसलमानों को अब बेवकूफ नहीं बना पाएंगे।
आबिद रजा ने कहा कि कुछ नेता मुसलमानों का वोट लेकर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, उनके सामने लोग मुसलमान पर अभद्र टिप्पणी मंचो से करते हैं, गुस्ताख-ए-रसूल रामेश्वर यादव की जमानत में सहयोग कर के जिले के 5 लाख मुसलमानों को प्रशासन के सामने जलील कराते हैं, पिछले दरवाजे से भाजपा और आरएसएस को खुश करते हैं, हमारे लिए ऐसे लोग भाजपा और आरएसएस से ज्यादा खतरनाक हैं, हमें ऐसे नेताओं को समाज के सामने बेनकाब करना होगा।
उन्होंने कहा कि हम भाजपा को हराना चाहते है लेकिन, इसके लिए अपने आप को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है, मुसलमान वोट की अहमियत कैसे समझें, हमें इसका भी पूरा ध्यान रखना है, पांच राज्यों के चुनाव से जनता का रुख भाजपा के खिलाफ है, यह पता चल चुका है, सेमीफाइनल में भाजपा हार चुकी है, 2019 के फाइनल में भी भाजपा की करारी हार होनी है, यह भाजपा नेताओं को भी अहसास हो चुका है।
उन्होंने कहा कि सहसवान के लोगों में बहुत सियासी सूझ-बूझ है, मुझे उम्मीद है कि 2019 के के चुनाव में सहसवान की जनता खासतौर से मुसलमान भाजपा को और भाजपा की ए टीम को हरा कर सबक सिखाने का काम करेंगे। हम मुसलमानों की हिमायत करते हैं, इसलिए हमें मुसलमान होने की सजा मिलती है, ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई लड़ते है। हम हिंदू समाज की आस्था की प्रतीक गंगा और गाय की लड़ाई भी लड़ चुके हैं, 2016 में इसकी भी हमें सजा मिल चुकी है। संघर्ष का नाम ही आबिद रजा है, हम जिंदगी भर हिंदू-मुसलमान के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
आबिद रजा ने बसोलिया, शाहपुर तार खेड़ा, बासपुर, चमनपुरा, खैरपुर बल्ली सहित लगभग एक दर्जन गांवों में दौरा किया, इन जनसभाओं में अकील पूर्व प्रधान, साबिर, इस्माइल, लुकबान, राशिद, शेर मोहम्मद, इलियास, निसार अहमद, रजी अहमद, किश्वर प्रधान, इसरार पूर्व प्रधान, मुनव्वर पूर्व प्रधान, जाहिद पूर्व प्रधान, सरवर पूर्व प्रधान, रज्जन, रफीक अहमद, मुनीस अहमद, शराफत अली, मुकीस अहमद, हाजी तुल्लन, शरीफ, जरीफ, मुश्ताक, नाजिम, शफीक, शमशुल, छम्मन, भूरे, नासिर, जकी अहमद, जाहिद, इंतजार, इदरीस, आस मोहम्मद, यूनुस, हाफिज रिजवान, मुन्ने, मुनाजिर, अबरार कुरैशी, किताब अली, महफूज, अब्दुल समद, हशमत, रईस अहमद, हाजी ताहब्बर, रेहान, नुसरत, मास्टर यूनुस, मुबारक अली, मुजाहिद प्रधान, अतीक अहमद,, नन्हे, मुन्ने प्रधान, अजहर, अतीक अहमद, प्यारे मिंया, मुजाहिद, सलीम, तारिक एडवोकेट, मुन्ने प्रधान, जावेद प्रधान, इशरत और नवाब सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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