बदायूं जिले में पंचायत चुनाव को लेकर चल रहा संग्राम शिखर पर पहुंच गया है। पंचायत चुनाव में दलीय व्यवस्था बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती, फिर भी सत्ताधारी दल भाजपा से समाजवादी पार्टी ही मुकाबला कर पा रही है। हालाँकि भाजपा की तुलना में समाजवादी पार्टी कम क्षेत्रों में लड़ रही है। भाजपा 49 वार्डों में प्रत्याशियों को समर्थन दे चुकी है, वहीं सपा 30 क्षेत्रों में चुनौती दे रही है।
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बात फिलहाल समाजवादी पार्टी और उसके द्वारा की जा रही मेहनत की करते हैं। धर्मेन्द्र यादव स्वयं तो नहीं आ पाये हैं, वे बड़े नेता हैं, सो वे आयेंगे या, नहीं, इस बारे में कुछ भी कह पाना फिलहाल मुश्किल है पर, सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी के साथ अपने विश्वस्त प्रतिनिधियों को पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जुटा रखा है। धर्मेन्द्र यादव के प्रतिनिधि विपिन यादव और अवधेश यादव जमीनी स्तर पर बेहद मजबूत बताये जाते हैं, दोनों ही प्रतिनिधि रात-दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि विपिन यादव पार्टी के चुनिंदा व्यक्तियों के साथ रणनीति तैयार करते हैं और फिर क्षेत्र में आम जनता को प्रेरित करने को टीम भेजते हैं।
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दूसरी ओर अवधेश यादव स्वयं मोर्चा संभालते हैं। अवधेश यादव गाँव-गाँव जाकर पार्टी की नीतियों और रीतियों की चर्चा करते हैं, वे तर्क पूर्ण बात कर आम जनता को सोचने को मजबूर कर देते हैं कि उनकी हितैषी समाजवादी पार्टी ही है। सुबह से देर रात तक अवधेश यादव पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में अलख जगाते नजर आ रहे हैं, जिससे धर्मेन्द्र यादव की कमी आम जनता को खल नहीं रही है। अवधेश यादव और विपिन यादव दिन और रात में कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिसकी जिले भर में जमकर चर्चा की जा रही है।
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