बदायूं जिले में पार्टी को “भैया जी” नहीं बल्कि, राहु-केतु बर्बाद कर रहे हैं। राहु-केतु पर अंकुश नहीं लगा पाने के कारण दोष “भैया जी” पर मढ़ दिया जाता है। चूंकि राहु-केतु “भैया जी” के वेतनभोगी कर्मचारी हैं, फिर भी “भैया जी” राहु-केतु के उल्टा गुलाम नजर आते हैं, जिससे वास्तव में दोषी “भैया जी” ही हैं पर, “भैया जी” में तमाम अच्छाइयां भी हैं, जिससे आक्रोशित समर्थक अब आर-पार करने का मन बना चुके हैं। आक्रोशित समर्थक राहु-केतु के विरुद्ध अभियान चला कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे।
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जिले भर में अब यह बात आम हो चुकी है कि राहु-केतु ने पार्टी को बर्बाद कर दिया है। जिस जिले को गढ़ माना जाता था, उस जिले में पार्टी अपना अस्तित्व बचाने की जंग लड़ती नजर आ रही है। हालात इतने भयावह हो गये कि जिस “भैया जी” के आह्वान पर तमाम लोग चुनाव जीत जाते थे, वह “भैया जी” स्वयं चुनाव हार गये लेकिन, हारने के बावजूद “भैया जी” को समझ नहीं आई, वे राहु-केतु पर आंख बंद कर और अधिक विश्वास करने लगे। राहु-केतु चाहते हैं कि “भैया जी” के सीधे संबंध प्रत्येक व्यक्ति से खत्म करा दिए जायें। “भैया जी” किसी भी कार्य के लिए राहु-केतु पर ही निर्भर हो जायें तो, राहु-केतु के और अधिक आनंद आयेंगे, इसी नीयत के चलते राहु-केतु अपने चमचों को लगातार स्थापित कर रहे हैं पर, “भैया जी” के समर्थकों को किनारे कर दिया और जो बचे हैं, उन्हें लगातार खदेड़ने में जुटे रहते हैं।
“भैया जी” चुनाव हारने के बाद अभी तक अवसाद में हैं लेकिन, राहु-केतु पर कोई असर नहीं है। करोड़ों रूपये की कोठी में रह रहे हैं। घूमने को लग्जरी गाड़ियाँ मिल रही हैं। मन-पसंद भोजन मिल रहा है। वाह-वाह करने को चमचों की फौज है। महिला मित्रों की भी लंबी लाइन है, जिससे राहु-केतु ऐश्वर्य और वैभव का जमकर आनंद ले रहे हैं, यह सब ऐसे ही बना रहे, इसलिए राहु-केतु “भैया जी” को भ्रम में रखते हैं और “भैया जी” भी अच्छे बच्चे की तरह राहु-केतु के इशारों पर कत्थक करते रहते हैं।
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आक्रोशित समर्थकों की संख्या जिले में लगातार बढ़ती जा रही है। आक्रोश इस हद तक है कि राहु-केतु जिस क्षेत्र में जायेंगे, वहीं पिटने वाले हालात हैं। केतु के साथ कई घटनायें हो भी चुकी हैं। शातिर राहु कोठी से बाहर जाता न है वरना, वो भी दो-चार जगह पिट चुका होता। राहु सभी हदें पार कर गया है। पिछले दिनों यहाँ आये राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक फ्रन्टल अध्यक्ष से डॉ. लोहिया के संबंध में सवाल किया, जिसका सवाल फ्रन्टल अध्यक्ष नहीं दे पाया, उसने यह बात राहु को बताई तो, राहु का कहना था कि इस सवाल का जवाब तो उन्हें खुद पता नहीं होगा मतलब, राहु राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पर अभद्र टिप्पणी कर देता है।
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आक्रोशित समर्थकों का कहना है कि अच्छे-बुरे क्रिया-कलापों में संलिप्त होने के कारण “भैया जी” राहु-केतु को नहीं भगा सकते लेकिन, राहु-केतु के कारण पार्टी लगातार गर्त में जा रही है, जिससे अब पार्टी किसी भी चुनाव में मुकाबला करने की अवस्था में नहीं बची है, जिसका दुष्परिणाम पंचायत चुनाव में दिख जायेगा। आक्रोशित समर्थकों का कहना है कि राहु-केतु के कारण ही विधान सभा चुनाव में भी पार्टी की हालात खराब रहेगी, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखने का अभियान चलाया जायेगा और राष्ट्रीय अध्यक्ष को राहु-केतु की हर छोटी-बड़ी हरकत से अवगत करा कर पार्टी से निकलवाया जायेगा।
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