बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने सांसद निधि से प्रेस क्लब के लिए कक्ष बनवाने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव को लेकर उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि पत्रकारों के हित में पहली बार किसी ने कुछ किया है। कुछेक पत्रकार भी गदगद बताये जा रहे हैं, जबकि नियमानुसार सांसद निधि से प्रेस क्लब के कक्ष का निर्माण नहीं किया जा सकता।
सांसद निधि को खर्च करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गये हैं। नियमावली में विस्तार से बताया गया है कि सांसद निधि किन कार्यों में खर्च की जा सकती है और किन कार्यों में नहीं। एमपीलैड्स के अंतर्गत प्रतिबंधित कार्यों की सूची में स्पष्ट लिखा है कि केंद्र, राज्य सरकार, उनके विभागों, सरकारी अभिकरणों, संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से संबद्ध कार्यालय तथा रिहायशी भवनों का निर्माण सांसद निधि से नहीं कराया जा सकता। सांसद संघमित्रा मौर्य उच्च शिक्षित महिला हैं, उन्हें नियमों की जानकारी होगी। सवाल उठता है कि नियमों की जानकारी होते हुए संघमित्रा मौर्य ने प्रेस क्लब के कक्ष के निर्माण का प्रस्ताव क्यों दिया?
संघमित्रा मौर्य का जवाब जब आयेगा तब, आपको बता दिया जायेगा। फिलहाल लग रहा है कि पत्रकारों के बीच वाह-वाही लूटने के उद्देश्य से प्रस्ताव दिया गया था और फिर उसे शीघ्रता से सार्वजनिक भी कर दिया गया। शायद, यह कल्पना नहीं की गई थी कि प्रेस क्लब का कक्ष न बनने पर आलोचना भी हो सकती है। अब सवाल यह है कि प्रेस क्लब के कक्ष का क्या होगा?
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