बदायूं लोकसभा क्षेत्र में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा धूआंधार जनसभायें कर रहे हैं। बिल्सी और बिसौली विधान सभा क्षेत्रों के तमाम गांवों में भ्रमण कर जनसभाओं को संबोधित करते हुए आबिद रजा ने कहा कि वे आसमान वाले से डरते हैं, इसलिए उन्हें जमीन वालों से डर नहीं लगता।
जनसभाओं को संबोधित करते हुए आबिद रजा ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में वोट की बहुत अहमियत होती है, क्योंकि तुम्हारा वोट तुम्हारा 5 साल का मुस्तकबिल तय करता है। तुम्हारे बच्चों का भविष्य तय करता है। किसान, मजदूर, गरीब, बेरोजगार और मुसलमान की अगली 5 साल की जिंदगी खुशहाल गुजरेगी या, नहीं, यह तय करता है, इसलिए वोट को बहुत सोच समझ कर देना चाहिए, इसलिए मैं मजदूर, किसान, गरीब और मजलूम की आवाज बन कर आया हूँ।
उन्होंने कहा कि अगर, कोई नेता आपके वोट से पहले जीत चुका हो तो, दोबारा वोट देते समय उससे अपने वोट का हिसाब मांगना चाहिए, अपने वोट की हिस्सेदारी के हिसाब से तुम्हें भागीदारी 5 साल में मिली या, नहीं। तुम्हारे गांव, मोहल्ले में क्या-क्या काम किया, तुम्हारे गांव में किसी की नौकरी मिली, तुम्हारे गांव में किसी का लाइसेंस बनवाया, तुम्हारे गांव में किसी खुशी या, किसी गम में शरीक हुए या, नहीं। लोकसभा के चुनाव में जीतने वाले नेता ने केंद्र सरकार से लोकसभा के माध्यम से क्या काम करवाया?, यह देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खासतौर से मुसलमानों ने अपने वोट का हिसाब मांगना बंद कर दिया है, इसलिए नेता तुम्हारे दिए वोट के साथ ना-इंसाफी करने लगे, जो कौमें एकजुट होकर जिस नेता को चुनाव जिता कर अपने वोट का हिसाब मांगती हैं, वे अपने वोट की हिस्सेदारी से अपनी भागीदारी तय करती हैं, देश व प्रदेश में सिर्फ उन्हीं कौमों की तरक्की हुई है। बोले- हमें हर हाल में 2019 में भाजपा का सफाया करना है। सेकुलर हिंदू और मुसलमान दोनों भाजपा से तंग आ चुके हैं। किसानों को अपनी फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। बेरोजगार, मजदूर और गरीब भाजपा सरकार में बेहद परेशान हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा ने बेरोजगार, बेघर और किसानों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा न कर के उन्हें धोखा दिया है। देश की आर्थिक स्थिति को भाजपा ने बहुत नीचे पहुंचा दिया है, इसीलिए देश की जनता चाहे वह किसी धर्म की हो, वह भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।
आबिद रजा ने कहा कि बदायूं जिले में हिंदू और मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं से भी खिलवाड़ किया जा रहा है, हिंदू धर्म की आस्था के प्रतीक “मां गंगा” का कटान किया गया। मुसलमानों को मंच से गालियां दी जा रही हैं, जिसने हुजूर की शान में गुस्ताखी की, उस गुस्ताख-ए-रसूल रामेश्वर यादव की जमानत में एक बड़े नेता ने मदद की, ऐसे नेताओं को भी हम सबको मिलकर बदायूं से मुक्ति दिलानी है। खासतौर से मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि अगर, तुम्हें भी सत्ता का मजा चखना है तो, तुम्हें सेकुलर हिंदुओं से दोस्ती करनी होगी, उन्हें अपना सियासी साथी बनाना होगा, गरीब हिंदू लोगों के सुख-दुख में शरीक होकर उनके दिलों में अपनी जगह बना कर सियासत में आगे बढ़ सकते हो।
आबिद रजा ने कहा कि जिले भर के लोग जानते हैं कि जब भी हमने जनता के साथ नाइंसाफी देखी तो, हमने जनता की लड़ाई लड़ी। जब शहर में अंडर ग्राउंड केबिल बिना गुणवत्ता के डाली जा रही थी तो, वे खड़े हो गये थे। जब हिंदू धर्म की आस्था की प्रतीक “मां गंगा” काटी जा रही थी तो, वे आड़े आ गये। मुसलमानों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई तो, वे ही आगे आये और गुस्ताख-ए-रसूल रामेश्वर यादव की जमानत में सहयोग करने वाले के खिलाफ आवाज उठाते वक्त यह नहीं देखा कि सामने कितना बड़ा नेता खड़ा है, क्योंकि आबिद रजा सिर्फ आसमान वाले से डरता है, जमीन वालों से नहीं डरता। सिर्फ इज्जत करता है, जो नेता जमीन पर रहने वाले लोगों के साथ ना-इंसाफी करते हैं, वे उनसे कहना चाहते हैं कि जमीन पर रहने वाले इंसानों के साथ ना-इंसाफी करना बंद कर दो वरना, आसमान वाला तुम्हारे खिलाफ जब इंसाफ करेगा तब, दुनिया की कोई ताकत तुम्हें नहीं बचा पाएगी। बोले- बड़े-बड़े नेताओं से कहना चाहते हैं, ओहदे की कुर्सी पर बैठ कर कुर्सी की ताकत का नाजायज फायदा उठाकर सच को बार-बार हराना बंद कर दें वरना, आसमान वाला कुर्सी छीन लेगा।
आबिद रजा बिल्सी और बिसौली विधानसभा क्षेत्रों के ग्राम घूरनपुर, सुजातगंज मेला, नसीरपुर गौसू, भीकमपुर, जौनेरा, इस्माइलपुर, पुसगँवा, उरैना, उदयपुर, सिसईया, हथरा, लहरा और सुरसैना सहित तमाम गांवों में गये और जनसभाओं को संबोधित किया, इस दौरान हामिद अली पूर्व प्रधान, मुबारक अली, समीर अहमद, छोटन खान, अली रजा, अब्दुल रऊफ, अब्दुल कुद्दूस, नियाज मोहम्मद, पुत्तन खान, साबिर खान प्रधान, वाजिद प्रधान, वाहिद अली खान, अब्दुल नबी, मुहम्मद नबी, मल्लू, मोहम्मद हनीफ, वासिफ अली, शाह मोहम्मद ,अशरफ प्रधान, जमील अहमद पूर्व प्रधान, सुलेमान, कमरुल पूर्व प्रधान, दिलशाद, नाजिर, छोटे, अरशद, जब्बार, मुख्तार पूर्व प्रधान, कौसर, वाहिद, मोहम्मद नबी, हाजी सुलेमान अली, नबी मोहम्मद, यासीन, शरीफ, भूरे अंसारी, मम्मन खान प्रधान, आबिद खान, मंजूर खान, मोहम्मद यासीन, मस्तान शेर, फराज बलि, इरशाद, हाफिज सत्तार, नवी जान, यामीन मंसूरी बाबू, शहजाद, नूर हसन, असगर, चंद्रपाल, राजा राम श्रीवास्तव, मुख्तार अंसारी, कल्लू हसन, नबी जान आलम, प्रेम सिंह, कुंदन खान, फुरकान अली सलमानी, चांद खान, सलमान, मोहम्मद यामीन प्रधान, मुन्ना, दफेदार अहमद, शेख अंसार खान, लल्ला मियां, माजिद खान, मोहम्मद हसन, मौसम खान, चंद्रसेन, राकेश, मुशीर अंसारी, भूरे मंसूरी, शकील खान, जमील मंसूरी, अजमल खान, सलमान कुरैशी, शमीम, अत्तन, इकबाल, रियाज सैफी, गच्छन, सलीम खान, तारिक एडवोकेट और नवाब सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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