बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने गुरूवार को नामांकन पत्र एक बार फिर जमा किया। नामांकन पत्र पुनः जमा करने को लेकर तमाम तरह की चर्चायें की जा रही हैं। जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने सभी अफवाहों और चर्चाओं का खंडन किया है।
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उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य के सलाहकार और उनका प्रबंध तंत्र बेहद लचर माना जा रहा है, यह बात शुरू से ही उठाई जा रही है। संभवतः नामांकन पत्र भरने में भी ऐसे व्यक्ति की सलाह ली गई, जो स्वयं में बेहद छोटी सोच का व्यक्ति है। सूत्रों का कहना है कि एक सलाहकार ने निरर्थक ईर्ष्या में नामांकन पत्र को सही तरह से नहीं भरने दिया, उसी के कहने से कई चीजें छुपाई गई थीं, जिसको लेकर संघमित्रा मौर्य की जमकर फजीहत हो रही थी। माना जा रहा है कि नामांकन पत्र में छुपाई गई बातों का उल्लेख करते हुए पुनः नामांकन पत्र जमा किया गया है, वहीं गलत सलाहकार के चलते संघमित्रा मौर्य की छवि निरंतर खराब होती नजर आ रही है।
सलाहकार की बात हाईकमान तक पहुंच गई है। सूत्रों का कहना है कि सलाहकार को चुनाव और बदायूं से दूर रखने का निर्देश हाईकमान ने दिया है लेकिन, हाईकमान के निर्देश को हवा में उड़ा दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि सलाहकार से भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता भी त्रस्त हैं। चुनाव के प्रति गंभीरता होती तो, बदनाम सलाहकार तत्काल भगा दिया गया होता।
उधर भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने कहा कि नामांकन पत्र में न कुछ छुपाया गया था और न ही कुछ बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एक सेट कम जमा किया गया था, जिससे गुरुवार को एक और नामांकन पत्र जमा किया गया। नामांकन पत्र को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सिर्फ अफवाहें ही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
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