बदायूं लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होने में मात्र 10 दिन शेष बचे हैं लेकिन, भाजपा अभी तक अपने चहेते कार्यकर्ताओं तक भी नहीं पहुंच पाई है और न ही उनकी ताकत का प्रयोग कर पा रही है। युवाओं की बड़ी फौज भाजपा के हित में कार्य करने को तत्पर नजर आ रही है पर, उनसे कोई संपर्क करने को तैयार ही नहीं है।
भाजपा बाहरी और नया प्रत्याशी होने का दुष्प्रभाव झेलती नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य को स्थानीय लोगों के बारे में जानकारी ही नहीं है, सो वह कर्मठ कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच पा रही हैं, जिसका सीधा नुकसान उन्हें होता दिख रहा है। संगठन से जुड़े लोगों पर कार्य का अत्यधिक बोझ है, जिससे वे भी क्षेत्र पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
टिकट की घोषणा होने के बाद भाजपा ने लोकसभा क्षेत्र का सम्मेलन किया, उसके बाद युवा मोर्चा सम्मेलन हुआ, महिला मोर्चा सम्मेलन हुआ, अनुसूचित मोर्चा सम्मेलन हुआ, पिछड़ा वर्ग सम्मेलन हुआ, किसान मोर्चा सम्मेलन हुआ, जिसमें स्मृति ईरानी आईं, अल्पसंख्यक मोर्चा सम्मेलन हुआ, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की जनसभा हुई, 13 अप्रैल को अमित शाह की जनसभा हो गई, अब नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की जनसभा की तैयारियां चल रही हैं, इस सबके चलते संगठन के लोगों को क्षेत्र पर ध्यान देने का समय ही नहीं मिल पा रहा है, साथ ही भाजपा के समर्थक भी रैलियों में जा-जाकर थक से गये हैं। संगठन के लोगों की मजबूरी कही जा सकती है पर, आम जनता इतनी ज्यादा भागीदारी नहीं कर सकती, जिससे लोग सोच लेते हैं कि वोट देना हैं, सो दे आयेंगे, बाकी काम के समय में दिन खराब नहीं कर सकते।
संगठन की व्यस्तताओं के कारण ही तमाम कर्मठ लोग पर्दे के पीछे ही नजर आ रहे हैं, ऐसे ही एक कर्मठ कार्यकर्ता हैं अनुज जौहरी। उघैती क्षेत्र के ग्राम खंडुआ निवासी अनुज नौजवान एकता मंच का चुनाव जीतकर जिला अध्यक्ष बने थे, युवा शक्ति दल के जिला महामंत्री रहे हैं, वे क्षेत्र में युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव के करीबी रहे हैं, इसीलिए शायद, उनसे संपर्क नहीं किया जा रहा है, जबकि वे और उनकी टीम भाजपा प्रत्याशी के समर्थन जुटना चाहते हैं।
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