बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य अपनी ही सरकार के विरुद्ध खड़ी हो गईं। सांसद संघमित्रा मौर्य ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी की सरकार की गलती को लेकर सवाल दाग दिया, जबकि वे लोकसभा में सवाल करने की जगह सरकार और बोर्ड से व्यक्तिगत रूप से बात कर सकती थीं।
सांसद संघमित्रा मौर्य ने लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश मे यूपी बोर्ड की परीक्षा के प्रथम दिन मातृभाषा हिन्दी की परीक्षा थी और हिंदी की परीक्षा 2.3 लाख छात्रों ने छोड़ी है, इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं का परीक्षा छोड़ने का कारण क्या है? परीक्षा छोड़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है, उनके प्रति क्या योजना है? उन्होंने आगे कहा कि इंटर की परीक्षा में पहले ही पेपर में वैकल्पिक प्रश्न पूछा गया कि कल्पलता के लेखक का नाम बताओ?, जिसके चार विकल्प थे महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रोफेसर जी. सुंदर रेड्डी, वासुदेव शरण अग्रवाल और प्रेमचंद, यह चारों उत्तर गलत हैं, सही उत्तर हजारी प्रसाद द्विवेदी है। विकल्प गलत थे और सही उत्तर विकल्प में नहीं था, अब ऐसी स्थिति में बच्चा करे तो क्या करे?
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, यहाँ के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कार्य प्रणाली की प्रशंसा पार्टी देश भर में करती है, ऐसे में भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने प्रदेश की भाजपा सरकार के विरुद्ध ही लोकसभा में सवाल दाग दिया, जबकि भाजपा की सांसद संघमित्रा मौर्य मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष को स्वयं ही अवगत करा सकती थीं एवं सवाल पूछ सकती थीं लेकिन, उन्होंने ऐसा करने की जगह लोकसभा में सवाल किया, जिसको लेकर कई तरह की चर्चायें की जा रही हैं।
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