बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी में टिकट के दावेदारों में पूर्व एमएलसी जितेन्द्र यादव सबसे मजबूत साबित हो रहे हैं, इसका अहसास होते ही पक्ष-विपक्ष के कुछेक नेता एक हो गये हैं और तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं। विपक्षी नेता के इशारे पर पक्ष का एक नेता चर्चित प्रकरण को उछालने में जुटा है लेकिन, षड्यंत्र असफल बताया जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी पूर्व एमएलसी जितेन्द्र यादव, सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता और जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य पर विचार कर रही है लेकिन, जितेन्द्र यादव सर्वाधिक आगे माने जा रहे हैं, वे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर लंबे समय से मेहनत कर रहे हैं, इसलिए भाजपा उनके नाम पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है। राजनैतिक, जातिगत और व्यक्तिगत आंकड़े जितेन्द्र यादव के पक्ष में बताये जा रहे हैं।
महेश चंद्र गुप्ता और हरीश शाक्य टिकट नहीं मांग रही हैं, उन्हें पार्टी आदेश देगी तो, वे चुनाव लड़ने को तैयार बताये जा रहे हैं लेकिन, जो लोग खुल कर टिकट मांग रहे हैं, उन दावेदारों में जितेन्द्र यादव सर्वाधिक भारी पड़ रहे हैं, इसकी भनक पक्ष और विपक्ष के नेताओं को लगी तो, उनकी नींद उड़ गई। विपक्ष के एक बड़े नेता ने पक्ष के एक नेता से संपर्क साधा और फिर दोनों ने मिल कर जितेन्द्र यादव के विरुद्ध षड्यंत्र रचने शुरू कर दिए। पक्ष के एक नेता ने जितेन्द्र यादव के विरुद्ध दिल्ली में कई नकारात्मक खबरें फैलवा दीं एवं विपक्ष के नेता ने चर्चित कांड के परिजनों से मिल कर संगठन पर दबाव बनवाने का प्रयास करना शुरू कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल षड्यंत्र असफल साबित हो रहे हैं, क्योंकि जितेन्द्र यादव का चर्चित प्रकरण से कोई संबंध नहीं रहा है, इसीलिए भाजपा जितेन्द्र यादव को एमएलसी का टिकट दे चुकी है। जितेन्द्र यादव के विरुद्ध सभी षड्यंत्र असफल होने से पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं की हालत खराब नजर आ रही है। हालाँकि खबरों की पुष्टि करने को कोई तैयार नहीं है पर, कार्यकर्ता उत्साहित नजर आ रहे हैं।
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