संघमित्रा मौर्य से सब खुश हैं पर, कमजोर प्रबंधन से जूझ रही है भाजपा

संघमित्रा मौर्य से सब खुश हैं पर, कमजोर प्रबंधन से जूझ रही है भाजपा

बदायूं लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने कैबिनेट मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को प्रत्याशी घोषित किया तो, लोगों को लगा कि शक्तिशाली और बड़े नेता की बेटी को जिताने में सभी पूरा दम लगा देंगे लेकिन, ऐसा वास्तव में अब नजर नहीं आ रहा है। भाजपा कहीं हालातों से जूझती नजर आ रही है तो, कहीं भितरघात से। चुनावी प्रबंधन भी लचर है, जिससे कमजोरी का अहसास होने लगा है।

सदर विधान सभा क्षेत्र में विधायक महेश चन्द्र गुप्ता, उनके बेटे विश्वजीत गुप्ता, जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य, महामंत्री सुधीर श्रीवास्तव, जिला मंत्री अंकित मौर्य और इनसे जुड़े अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता रात-दिन कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं लेकिन, अन्य विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक और बड़े पदाधिकारी अपेक्षित मेहनत करते नहीं दिख रहे। कुछ विधायक बड़े नेताओं के आने पर सिर्फ मंचों पर ही दिखते हैं, उसके बाद पूरी तरह गायब हो जाते हैं।

संघमित्रा मौर्य से जो मिल लेता है, वह उनका फैन हो जाता है पर, उनसे सीधे मिलने में कई लोग बाधा बनते नजर आ रहे हैं, उनके साथ जिला स्तरीय टीम कड़ी मेहनत करती दिख रही है लेकिन, हर दिन कोई न कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, सो जिलाध्यक्ष सहित उनकी कार्यकारिणी के कर्मठ लोग कार्यक्रमों में ही उलझ कर रह जाते हैं। प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य के साथ जमीन से जुड़े व लोकप्रिय व्यक्ति कम ही नजर आ रहे हैं, उनके साथ शहर में घूमते हुए ऐसे लोग नजर आ रहे हैं, जिनके होने से ही वोट घट जायेंगे। शहर में संघमित्रा मौर्य को जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य और उनकी कार्यकारिणी के साथ ही भ्रमण करना चाहिए।

सहसवान विधान सभा क्षेत्र की बात करें तो, यहाँ आशुतोष वार्ष्णेय “भोला भैया” चुनाव लड़े थे लेकिन, लोकसभा चुनाव में उनकी सेवा नहीं ली जा रही है, उनकी क्षेत्र में कुछेक स्थानों पर मजबूत पकड़ बताई जाती है एवं जाति विशेष में भी वे लोकप्रिय बताये जाते हैं पर, अभी तक उन्हें क्षेत्र में बुलाया तक नहीं गया है, इसी तरह बिसौली विधान सभा क्षेत्र से योगेन्द्र सागर गायब चल रहे हैं।

यौन उत्पीड़न के प्रकरण में योगेन्द्र सागर की जमानत निरस्त हो गई है, वे उस प्रकरण में व्यस्त हैं, जिससे बिसौली क्षेत्र में प्रभावशाली व्यक्ति की कमी से भाजपा जूझती नजर आ रही है, इस क्षेत्र में राजेन्द्र पाठक भी प्रभावशाली हैं लेकिन, उन्हें भी नहीं घुमाया जा रहा है, जिससे यहाँ गंभीर स्वभाव के बड़े नेता को रह कर कड़ी मेहनत करनी होगी। बिल्सी क्षेत्र में प्रभारी राजीव कुमार गुप्ता अकेले पड़ गये हैं, उनके अलावा जमीन पर कोई मेहनत करता नहीं दिख रहा, इसके बावजूद अभी तक यहाँ कार्यालय नहीं खुल सका है। दातागंज क्षेत्र के विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” की पकड़ कई क्षेत्रों में मजबूत मानी जाती है लेकिन, उन्हें भी अभी तक क्षेत्र में नहीं उतारा गया है। चुनाव होने में 23 दिन शेष रह गये हैं, इतने दिनों में भाजपा कितना सुधार कर पाती है, इस बारे में अभी कुछ कह पाना मुश्किल है।

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