बदायूं लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य कर्मठ और जुझारू भाजपा नेताओं का सदुपयोग नहीं कर पा रही हैं। भाजपा के ऐसे लोग मौन बैठे हैं, जिन्हें भाजपा का पूरक माना जाता है, ऐसे समर्पित लोगों की मायूसी से आम कार्यकर्ता भी उदासीन होने को मजबूर होता नजर आ रहा है।
बिसौली नगर पालिका परिषद के लोकप्रिय चेयरमैन रहे हैं अशोक वार्ष्णेय, इनकी छोटे तबके पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। कट्टर भाजपाई रहे हैं लेकिन, निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण भाजपा ने किनारे कर दिए। टिकट न मिलने का दुःख अशोक वार्ष्णेय भूल चुके हैं, वे तन और मन से भाजपा की चुनाव में मदद करना चाहते हैं लेकिन, अभी तक भाजपा प्रत्याशी ने उनसे सम्पर्क तक नहीं किया है, इसी तरह बिसौली में राजा बाबू वार्ष्णेय भी समर्पित भाजपाई माने जाते हैं पर, चुनाव में वे भी बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
कस्बा इस्लामनगर में पूर्व चेयरमैन वीरेन्द्र लीडर जन्मजात भाजपाई माने जाते हैं पर, भाजपा अभी तक उनका सदुपयोग नहीं कर पाई है। मुड़िया धुरेकी, आसफपुर, फैजगंज बेहटा, बिल्सी, सहसवान, उझानी, गुन्नौर और गवां तक तमाम ऐसे नाम हैं, जो अभी तक मौन धारण किये हैं, जबकि ऐसे लोग हजारों लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।
नगर पंचायत वजीरगंज में दीपेश कुमार आम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, वे अपनी लोकप्रियता नगर निकाय चुनाव में दिखा चुके हैं लेकिन, नगर निकाय चुनाव में विद्रोह करने के कारण भाजपा ने उन्हें भी किनारे कर दिया था, जबकि वह मन से आज भी भाजपाई हैं और भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देना चाहते हैं पर, भाजपा प्रत्याशी ने अभी तक उनसे भी संपर्क नहीं किया है, ऐसे लोगों के समर्थक भी मौन धारण किये हुए हैं, जिससे आम कार्यकर्ता भी उत्साहित नहीं हो पा रहा है।
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