बीएल वर्मा का सपना साकार, सुनील बंसल ने जनता को समर्पित किया लोधी छात्रावास

बीएल वर्मा का सपना साकार, सुनील बंसल ने जनता को समर्पित किया लोधी छात्रावास

बदायूं में 27 अप्रैल और रविवार का दिन सदैव के लिये स्वर्णिम अक्षरों में लिख गया। शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुआ। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने सामाजिक समानता और आत्मनिर्भरता को सशक्त करने हेतु लोधी छात्रावास, कोचिंग एवं काउंसलिंग सेंटर की नींव रखी थी, जिसका भव्य समारोह के बीच उद्घाटन हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री बी. एल. वर्मा की अथक मेहनत से साकार हुये सपने को जनता को समर्पित कर दिया।

मुख्य अतिथि सुनील बंसल ने कहा कि सबसे पहले, मैं आज के इस प्रकल्प के उद्घाटन के लिये, इस सेवा के कार्य की शुरुआत के लिये बी. एल. वर्मा को अपनी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनायें एवं धन्यवाद देता हूँ। वास्तव में, उन्होंने राजनीति में काम करने वाले सभी लोगों को एक प्रेरणा देने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी से जब कभी भी चर्चा होती है तो, वह एक शब्द हमेशा कहते हैं कि हम राजनीति में सेवा करने के लिये आये हैं। राजनीति में आने के बाद जनता की समस्याओं का समाधान करना, विकास के कार्य करना, जनकल्याण के कार्य करना- यह सब जनप्रतिनिधियों का कार्य होता है लेकिन, राजनीति में रहते हुये समाज के लिये सेवा के कुछ कार्य करना, उसके लिये आज बी. एल. वर्मा ने हम सबके सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे सभी छात्रों के लिये, जिनके पास प्रतिभा है लेकिन, साधन नहीं हैं, जिनके पास प्रतिभा है लेकिन, अवसर नहीं हैं- समाज के उन सभी लोगों के लिए यह छात्रावास और यह लाइब्रेरी, जो आज उन्होंने यहाँ प्रारंभ की है, भविष्य में ऐसे और भी कई प्रकल्पों के रूप में सेवा के कार्य प्रारंभ होंगे। आज सांसद साक्षी महाराज ने भी कहा है कि यह एक शुरुआत है, साक्षी महाराज के अगले कार्यक्रम में हम सब लोग मिलेंगे, जब वे भी सेवा के एक प्रकल्प का उद्घाटन करेंगे। मेरा मानना है कि राजनीति में काम करने वाले सभी लोगों को अपने जीवनकाल में कोई न कोई सेवा का कार्य अवश्य करना चाहिये, चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या, स्वास्थ्य के क्षेत्र में। मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ, जिन्होंने अपने जीवन में इस प्रकार के कई सेवा कार्य प्रारंभ किये हैं।

केंद्रीय मंत्री बी. एल. वर्मा ने भावुक होकर कहा कि यह छात्रावास उन युवाओं के सपनों की नींव है, जो अब तक अवसरों की कमी से पीछे रह जाते थे। मैंने ठान लिया था कि बदायूं के होनहार बच्चों को भी बड़े शहरों के बराबर अवसर मिलें, यह सपना आज सच हुआ है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी बच्चा संसाधनों के अभाव में अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगा। सरकार और समाज दोनों का दायित्व है कि योग्य और मेहनती विद्यार्थियों को हर संभव सहायता मिले। यह छात्रावास केवल एक परियोजना नहीं है, यह एक आंदोलन है- सामाजिक न्याय, समान अवसर और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को जमीन पर उतारने का। यह कदम दर्शाता है कि जब नेतृत्व में दृढ़ इच्छाशक्ति हो और नीति में जनकल्याण का भाव हो तो, असंभव भी संभव बन सकता है। शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं बल्कि, भविष्य बदलने का साधन है, इस मंत्र को आत्मसात करते हुये बदायूं के बच्चे अब देश के शीर्ष संस्थानों में स्थान बनायेंगे और भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ायेंगे। बी. एल वर्मा ने कहा कि बदायूं की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है। सभी समाज के लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे आशीर्वाद दिया है, मुझे लगता है आशीर्वाद बीएल वर्मा को नहीं है, बदायूं के एक-एक नागरिक के लिये समाज के लिये समाज के लिये दिया है।

उन्होंने कहा कि मुझे कभी चुनाव लड़ने का अवसर तो नहीं मिला लेकिन, पार्टी में विभिन्न पदों पर पार्टी में काम करते हुये बिना मांगे मुझे कभी पता भी नही चला, चाहे उत्तर प्रदेश सरकार में या, दो-दो बार केंद्र सरकार मंत्री बनने की बात हो, यह संगठन का आशीर्वाद है, यह आशीर्वाद मुझे अकेले अपने हाथों से नहीं मिला, यह आशीर्वाद मेरे लिये नहीं है, यह आशीर्वाद सबके लिये है। अगर मुझे कुछ फैसले लेने हैं तो, मैं आँखें बंद करके लूँगा लेकिन, 36 साल से मैं बाबूजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा हूँ। मैंने इस संस्था को इतना बड़ा बनाने के लिये अपना कर्तव्य निभाया है। मैं इसका श्रेय बाबूजी को दूंगा। मैंने अपने आप को समाज के लिये समर्पित कर दिया है और मैंने तय किया है कि मैं इस संस्था को इसके मूल स्वरूप में ही संचालित करूंगा। मुझे पंडित मदनमोहन मालवीय की याद आई। उन्होंने लोगों के सहयोग से बनारस में त्रिमुरी संस्था की स्थापना की थी, उस समय मुझे लगा कि मैं यह काम नहीं कर सकता। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि समाज के 10-12% लोग मेरा साथ देंगे लेकिन, मेरे साथियों का साथ और दूसरे समाजों का साथ और श्री श्रीनिवासन जैसे लोगों का साथ, जो संस्था के संस्थापक हैं, जो एक कलाकार हैं, जिन्होंने हमें वो रास्ता दिखाया। मैंने काम एक भी दिन रुकने नहीं दिया। अगर मैंने दो घंटे का भाषण दिया है तो, उसका श्रेय मैं 10-12% समाज के छात्रों को दूंगा। मैंने लगातार ऐसा करने के लिए कोई समझौता नहीं किया है। मेरे सभी साथी यहाँ बैठे हैं। मैंने मुखर्जी नगर की एक अच्छी कोचिंग देखी है। आज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर आप मुखर्जी नगर चले जायें या, कोटा चले जायें या, कहीं और चले जायें, तो भी आपको वहाँ के छात्रावास में वो सारी सुविधायें नहीं मिलेंगी, जो मैंने आपको देने की कोशिश की है। कुछ दिन पहले हमारे कुछ सीनियर डीएम, हमारे एसपी, एसपी सिटी, एडीएम आए थे, उन्होंने किताबें देखीं और कहा कि ऐसी किताबें लखनऊ में नहीं पढीं, आपने इन्हें कैसे इकट्ठा किया? हमारे अधिकारियों ने भी कहा कि अगर हम यह किताबें पढ़ेंगे तो, कोई भी इस प्रतियोगिता के लिये क्वालीफाई कर पायेगा।

उन्होंने कहा कि छात्रावास में मेरे मन में विचार उस समय आया। मैं यहाँ से करीब 35 किलोमीटर उत्तर प्रदेश के उझानी ब्लॉक के एक गांव में जब मैं छठी कक्षा में दाखिल हुआ तो, पिता जी ने मेरा दाखिला कछला के एक इंटर कॉलेज में करवा दिया। मैं उझानी आना चाहता था। मुझसे कहा गया कि तुम्हारा दाखिला कछला में करवा दिया है, क्योंकि कछला 15 किलोमीटर दूर है और उझानी 20 किलोमीटर दूर है। पैदल जाओगे तो, 5 किलोमीटर से भी कम दूरी पड़ेगी। मेरे पिता जी 5 किलोमीटर को लेकर चिंतित थे, इसलिए उन्होंने मुझे कछला में भर्ती करवा दिया। मुझे 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। यह काली सड़कें नहीं थीं, यह रेत की सड़कें थीं। मैं अपने साथियों से कहना चाहता हूँ, मैंने जो तकलीफें झेलीं, जो परेशानियाँ झेलीं, वो एक सपना है तो, मेरे कितने सपने पूरे हुये। मेरे साथियों ने बताया कि मैं 48 घंटे बच्चों के साथ बैठ रहा हूँ, सुबह 9 बजे से ही छात्रों के साथ क्लास ले रहा हूँ, छात्रों की काउंसलिंग कर रहा हूँ, ऑन लाइन क्लास दे रहा हूँ।

मैं छात्रों को प्रेरित कर रहा हूँ। मैं कर्मचारियों के साथ काम कर रहा हूँ। कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू हुआ। सुबह 9 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। शाम को 11 या, 12 बजे कार्यक्रम शुरू हुआ तो, मैं मेरे भाइयों-बहनों से कहना चाहूँगा कि इस छात्र आंदोलन के लिये मैंने बहुत ईमानदारी से, लगन से काम किया है, ताकि छात्रों के लिए एक मील का पत्थर बने और वो बेहतर छात्र बन सकें। इसी भावना और उत्साह के साथ मैंने काम किया है। कर्मचारियों को मेरी बधाई। मैंने उन्हें भरोसा दिया है कि अगर हमें समय मिला तो, हम छात्रों को प्रेरित करने के लिए आयेंगे।

कार्यक्रम में उपस्थित सांसद महामंडलेश्वर स्वामी साक्षी महाराज, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा, बृजक्षेत्र दुर्विजय शाक्य, चेयरमैन सिडको वाई. पी. सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा राजीव कुमार गुप्ता, पूर्व राज्यमंत्री एवं विधायक महेश चंद्र गुप्ता, विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया”, विधायक हरीश शाक्य, विधायक जलालाबाद हरिप्रकाश वर्मा, विधायक एटा विपिन कुमार डेविड, विधायक मीरगंज डॉ. डी.सी वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत बदायूं वर्षा यादव और एमएलसी बरेली कुँवर महाराज सिंह ने भी विचार व्यक्त किये।

महेश चंद्र गुप्ता के आवास पर सुनील बंसल का हुआ भव्य स्वागत
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल का पूर्व राज्यमंत्री एवं विधायक महेश चंद्र गुप्ता के आवास पर भव्य स्वागत किया गया। भाजपा नेता विश्वजीत गुप्ता और मयंक गुप्ता ने स्मृति चिन्ह भेंट किये, इस अवसर पर बदायूं विधानसभा क्षेत्र के सभी मंडल अध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष और हरीबोल सेवा समिति के पदाधिकारियों ने सुनील बंसल भेंट की।

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