बदायूं जिले में कई स्थानों पर भाजपा सपा-बसपा से चुनाव लड़ने की जगह अपने ही रुष्ट कार्यकर्ताओं से न सिर्फ लड़ रही है, बल्कि उन्हें पूरी तरह कुचलने का प्रयास कर रही है, जिससे सपा-बसपा के प्रत्याशी मस्त हैं। सर्वाधिक खराब हालात नगर पंचायत वजीरगंज के हैं, यहाँ भाजपा से रुष्ट होकर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों का पुलिस खुलेआम दमन कर रही है। पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की, तो एसओ चिढ़ गये और फिर पीड़ित को हिरासत में ले लिया, जिससे बड़ी संख्या में महिलायें और आम जनता सड़कों पर आ गई, तो घबरा कर पुलिस को पीड़ित छोड़ना पड़ा। अब लोग एसओ के विरुद्ध लामबंद हो गये हैं और तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।
वजीरगंज निवासी दीपेश वार्ष्णेय का आरोप है कि भाजपा प्रत्याशी के पति मोहल्ला गौंटिया में मतदाताओं को खरीद रहे थे, वहां पुलिस भी मौजूद थी, इस सबकी उन्हें जानकारी मिली, तो वे अपने तीन-चार कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गये। पुलिस से कार्रवाई की मांग की, तो पुलिस उल्टा उन्हें ही गालियाँ देने लगी, उनके कार्यकर्ताओं को पीटने लगी। दीपेश ने बताया कि भाजपा के एजेंट की तरह काम करते हुए एसओ ने उनके कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उन्होंने एसएसपी से मोबाईल पर शिकायत की।
दीपेश ने बताया कि एसएसपी ने एसओ से कुछ कहा होगा, इस पर एसओ ने उन्हें पुनः गालियाँ देते हुए कहा कि एसएसपी से शिकायत कर के अच्छा नहीं किया, इसका दुष्परिणाम झेलना पड़ेगा। दीपेश का आरोप है कि एसओ ने कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें भी हिरासत में ले लिया और फिर थाने ले गये, उन्हें हिरासत में लेने की सूचना लोगों को मिली, तो नगर के तमाम लोग सड़कों पर उतर आये, बड़ी संख्या में महिलायें भी सड़क पर आ गईं, इस दबाव में एसओ ने घबरा कर सभी को छोड़ दिया।
दीपेश का कहना है कि चुनाव से पहले एसओ उन्हें और उनके प्रमुख कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले सकते हैं, सभी को इतना डरा सकते हैं कि वे वोट डालने तक न जायें, यह एसओ पूरी तरह भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं, इनके रहते वजीरगंज में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता, इसलिए इन्हें तत्काल हटाया जाये। दीपेश ने एसएसपी, जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग से एसओ को तत्काल हटाने की मांग की है। यह भी बता दें कि वजीरगंज के कुम्हारों के मोहल्ले में दो दिन पहले इंडिया मार्का हैंडपंप और हाईमास्ट लाइट सत्ता पक्ष द्वारा लगवाई गई है, लेकिन पुलिस ने जानकारी के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
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