बदायूं जिले में बिल्सी एक मात्र ऐसी नगर पालिका परिषद है, जो अपना गौरव बचाने में अब तक सफल रही है। बिल्सी को देश भर के लोग आस्था और श्रद्दा से देखते हैं, यह विशिष्ट स्थान इस बार स्थानीय नगर निकाय चुनाव में दांव पर लगा हुआ है, जिसे बचाने का दायित्व बिल्सी के बुद्धिजीवी मतदाताओं के पास ही है।
बिल्सी के महंत देश भर में विख्यात हैं, यहाँ आकर दिग्विजय सिंह और अमर सिंह जैसे बड़े नेता सिर झुकाते रहे हैं, जिससे बिल्सी को धार्मिक नगरी के रूप में देश भर में पहचान मिली, इस पहचान पर किसी को भी गर्व होना स्वाभाविक ही है, पर यह पहचान इस बार स्थानीय नगर निकाय चुनाव में दांव पर लगी हुई है। निर्णय किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि बिल्सी की ही बुद्धिजीवी जनता को करना है। आपस में बंटने से बिल्सी का विशिष्ट गौरव धूमिल हो जाना तय है।
बिल्सी राष्ट्रवादी सोच का नगर भी कहा जाता है, यहाँ के लोग उदार, प्रेमी, भले, स्पष्टवादी होने के साथ सही निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए हर किसी को आशा है कि इस चुनाव में भी गलत निर्णय नहीं लेंगे, पर कुछ लोग भटके नजर आ रहे हैं, वे व्यक्तिगत कारणों से बिल्सी की पहचान को भूल गये हैं, वे यह भी भूल गये हैं कि उनका एक वोट बिल्सी में ऐसा कुछ कर देगा, जो उनकी आने वाली पीढ़ियाँ निरंतर भोगती रहेंगी, इसलिए व्यक्तिगत कारणों को मन के किसी कोने में छुपा दें, आपसी द्वेष किसी और तरह से शांत करें, वोट बिल्सी के हित में दें।
बिल्सी के लोगों को गंभीरता से सोचना होगा कि आस्था की नगरी में जगह-जगह मीट की अवैध दुकानें खुलवानी चाहेंगे, यहाँ अवैध स्लाटर हाउस बनवाना चाहेंगे, जिन गलियों में सुबह को हवा के संग धूप की सुगंध बहती है, उन गलियों की नालियों में खून बहता देख सकेंगे? अगर, नहीं, तो आपका एक गलत वोट यह सब शीघ्र ही दिखा सकता है, इसलिए वोट ऐसे व्यक्ति को दें, जो आपकी पीढ़ियों को ज्ञान दे, शिक्षित करे, उन्हें सद्मार्ग दिखाये, उन्हें राष्ट्रवादी बनाये, उन्हें आदर्श व्यक्ति बनाये। आशा है कि वोट देते समय बिल्सी और अपनी अगली पीढ़ियों के भविष्य को ध्यान में रखेंगे।
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