बदायूं में पुलिस कांवर यात्रा को गंभीरता से नहीं ले रही है, तभी बवाल होते-होते बच गया। मौके पर अभी भी सैकड़ों लोग जमा हैं। हालाँकि अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) ने स्वयं जाकर मोर्चा संभाल लिया है और समझा कर भीड़ को हटाने का प्रयास कर रहे हैं।
घटना सदर कोतवाली क्षेत्र की है। नबादा से लालपुल को जोड़ने वाली सड़क कांवर यात्रा के लिए आरक्षित रहती है, इस सड़क पर श्रावण मास में पुलिस भी जगह-जगह तैनात रहती है, लेकिन देर रात पुलिस के नहीं रहने से सड़क जाम हो गई, तो कांवरियों का एक जत्था जामा मस्जिद की ओर मुड़ गया। कांवरियों का जत्था जामा मस्जिद की ओर पहुंचा, तो वहां मौजूद दूसरे संप्रदाय के लोग यह कहते हुए आपत्ति जताने लगे कि इस मार्ग से कांवर निकालना मना है, इस पर कांवरिया नहीं माने, तो माहौल तनाव पूर्ण हो गया। सूचना पुलिस को मिली, तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
घटना स्थल पर आनन-फानन में भारी पुलिस बल पहुंच गया। कोतवाली पुलिस के अलावा सीओ (सिटी) और एएसपी (सिटी) भी पहुंच गये। एएसपी (सिटी) कमल किशोर स्वयं मौके पर मौजूद हैं और भीड़ को शांत कर घर भेजने का प्रयास कर रहे हैं। सवाल यह है कि कांवर मार्ग पर जाम क्यों लगा और जब कांवरिया जामा मस्जिद की ओर मुड़े, तो उन्हें रोकने के लिए मौके पर पुलिस क्यों नहीं थी?
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