बदायूं स्थित जिला कारागार के बंदी की मौत का प्रकरण गर्माता जा रहा है। अधिवक्ता ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। अधिवक्ता का कहना है कि अंकित की मौत प्राकृतिक नहीं, बल्कि लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते हत्या हुई है, जिसका दंड जेल प्रशासन को मिलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कस्बा वजीरगंज निवासी अंकित गुप्ता को पुलिस ने सट्टा कराने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था एवं पुलिस ने अंकित के विरुद्ध गैंग्स्टर के अंतर्गत भी कार्रवाई की थी। अंकित लीवर संबंधी बीमारी से पहले से ही ग्रस्त था, साथ ही उसकी टांग में रॉड भी पड़ी थी। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान सोमवार को उसका निधन हो गया। अंकित की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। यह भी बता दें कि मृतक के परिजनों को एक पत्र मिला था, जिसमें लिखा था कि अंकित की हालत बेहद गंभीर है, उसे जेल से बाहर अस्पताल में शीघ्र भर्ती करा लिया जाये और बाहर रेफर कराने के लिए जेल प्रशासन रूपये लेता है, उसका भी इंतजाम शीघ्र कर लिया जाये, इस पत्र के मिलने के बाद परिजन रुपयों का इंतजाम करने में जुटे थे, इस बीच अंकित की तबियत और ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते उसकी मृत्यु गई।
अब अधिवक्ता प्रणब मिश्रा का कहना है कि अंकित की मृत्यु प्राकृतिक नहीं है, जेल प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते अंकित की हत्या हुई है, क्योंकि न्यायालय ने जेल प्रशासन को अंकित का उपचार कराने का आदेश दिया था। आदेश जेल प्रशासन को मिल गया था, इसके बावजूद रिश्वत न मिलने के कारण जेल प्रशासन ने अंकित की बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। अधिवक्ता सलमान सिद्दीकी का कहना है कि अंकित के प्रकरण में जेल प्रशासन को दंड मिलना इसलिए आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न दोहराई जाये।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)
पढ़ें: पुलिस की पिटाई और भ्रष्ट जेल प्रशासन की लापरवाही से अंकित की मौत