कुलदीप शर्मा
बदायूं जिले के प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार को सहायक शिक्षा निदेशक बरेली मंडल ने प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। अजय कुमार पर कार्रवाई लापरवाही और शिक्षकों को आर्थिक लाभ के चलते खुली छूट देने के लिए की गई है, इससे पहले भी उन पर कई संगीन आरोप लगते रहे हैं, जिसमें वे दोषी भी पाए गए पर, राजनैतिक पहुंच के चलते कार्रवाई से बचते रहे हैं लेकिन, इस बार राजनैतिक संबंध काम नहीं आये।
राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर सहसवान ब्लॉक के कई स्कूलों में ताले लटके मिले थे, साथ ही कई विद्यालयों में देरी से ध्वजारोहण किया गया था, जिसके बाद स्थानीय नागरिकों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई। जांच अजय कुमार को दी तो, उन्होंने जांच में संबंधित स्कूलों के शिक्षकों को क्लीन चिट दे दी। जांच मिलने के बाद एडी ने अपने स्तर से गुप्त जांच कराई, जिसमें लापरवाही सामने आ गई, जिसे एडी बेसिक गिरवर सिंह ने गंभीरता से लिया और सहसवान के खंड शिक्षाधिकारी एवं प्रभारी बीएसए अजय कुमार पर कार्रवाई करते हुए उनकी पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि कर दी।
पचास फीसदी दीजिए घर बैठे वेतन पाइये
प्रभारी बीएसए अजय कुमार पर किसी भी ब्लॉक का चार्ज रहा हो, वहां पर कार्यरत शिक्षकों में कुछ ऐसे शिक्षक जरूर होते हैं, जो स्कूल में भले ही महीने में सिर्फ एक या, दो बार आयें पर, वेतन पूरा मिलता है। इस संबंध में जब शिकायत की जाती है तो, उस पर बीईओ द्वारा कोई भी गौर नहीं किया जाता, वहीं यदि संबंधित स्कूल के स्टाफ द्वारा आपत्ति दर्ज कराई जाती है तो, स्टाफ को ही कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है। बीईओ को अपने वेतन का पचास प्रतिशत हिस्सा देने वाले शिक्षकों को स्थानीय लोग तो छोड़िये, विभागीय कर्मचारियों तक ने नहीं देखा है।
दूसरे जिले के शिक्षक देते हैं रिश्वत
जिले में दूसरे जिले से आने वाले शिक्षकों को खासा सहूलियत दी जाती है। ऐसे सभी शिक्षकों को बीईओ द्वारा पूरा संरक्षण दिया जाता है। यदि बीएसए द्वारा निरीक्षण करने के दौरान ऐसे शिक्षकों को स्पष्टीकरण देने को कहा जाता है तो, बीईओ सभी शिक्षकों को कार्रवाई से बचाने के लिए स्वयं ही बीएसए से वार्ता कर लेते हैं। ऐसे में शिक्षक बिना किसी भय के घरों में मौज लेते आ रहे हैं।
भ्रष्टाचार के भी लगे हैं आरोप
बीईओ एवं प्रभारी बीएसए अजय कुमार पर यूनिफार्म घोटाले से लेकर फर्नीचार घोटाले तक के आरोप लगे, जिसमें जिले के बेसिक शिक्षा विभाग की छवि को खासा नुकसान पहुंचा। राजनैतिक पहुंच के चलते अजय कुमार कार्रवाई से बचते आ रहे हैं।
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