बदायूं के कुछ पत्रकारों का पिछले दिनों रिश्वत लेते हुए वीडियो बना लिया गया था, जिससे समूचे मीडिया जगत की जमकर फजीहत हुई, लेकिन रिश्वत लेने वाले पत्रकारों को लज्जा तक नहीं आ रही है। अब रिश्वत लेने के लिए कुख्यात पत्रकारों ने तेजतर्रार सदर कोतवाल अजय कुमार यादव को हटवाने की सुपारी ले ली है। रिश्वतखोर पत्रकारों ने झूठी घटना बना कर अफसरों तक फोन से प्रचारित कर दी, जो चर्चा का विषय बनी हुई है।
बदायूं शहर में एक बूथ पर पुनः मतदान होना है, इसलिए प्रत्याशी अभी भी सक्रिय हैं। बताते हैं कि लालपुर के पास एक घर में कुछ लोग बैठे शराब पी रहे थे, तभी रिश्वतखोर पत्रकारों ने प्रचार शुरू कर दिया कि अमुक स्थान पर शराब बांटी जा रही है। दूसरे पक्ष के नेताओं और अफसरों को बताया गया कि निवर्तमान विधायक और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा शराब बाँट रहे हैं। कोतवाली पुलिस को भी यही जानकारी दी गई, तो कोतवाली पुलिस ने तत्काल छापा मार दिया।
पुलिस के छापे की खबर तत्काल शहर में फैल गई। आबिद रजा का आवास कथित घटना स्थल के पास ही है, वे भी तत्काल घटना स्थल पर पहुंच गये, उनके पहुंचते ही रिश्वतखोर पत्रकारों ने फोटो और वीडियो बना लिया और फिर कहने लगे कि आबिद रजा के मौके पर होने का उनके पास साक्ष्य है, जबकि पुलिस भी यही कह रही है कि आबिद रजा बाद में पहुंचे थे।
पुलिस ने दबाव नहीं माना, तो रिश्वतखोर पत्रकारों ने दूसरे पक्ष के नेताओं को बुला लिया और कोतवाल पर आबिद रजा को तत्काल गिरफ्तार करने का दबाव बनवाने लगे। हालाँकि दूसरे पक्ष के नेता भी निम्न स्तर की राजनीति करने से कतरा रहे थे, पर रिश्वतखोर पत्रकारों के दबाव में न चाहते हुए भी सिफारिश कर रहे थे। तेजतर्रार कोतवाल अजय कुमार यादव ने नेताओं और अफसरों को सच से अवगत कराया, तो वे मान गये, पर रिश्वतखोर पत्रकार स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं, जिससे वे अभी भी फर्जी घटना को तूल दे रहे हैं, जबकि पुलिस ने संबंधित मकान में शराब पी रहे पांच लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है और मुकदमा में यह भी हवाला दिया गया है कि आबिद रजा मौके पर आ गये थे।
असलियत में अजय कुमार यादव समाजवादी पार्टी की सरकार में थाना सिविल लाइंस में एसओ रहे थे, उस दौरान उन्होंने थाने को दलालों से मुक्त कर दिया था, जिससे उसी समय रिश्वतखोर पत्रकार और कुछ सपा नेता उनके पीछे पड़ गये थे। सपा नेताओं को आगे कर पत्रकार अजय कुमार यादव को हटवाने में सफल हो गये थे। चूँकि अजय कुमार यादव जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हो गये थे, सो भाजपा सरकार बनने पर विधायक महेश चंद्र गुप्ता की पैरवी पर उन्हें पुनः बदायूं भेज दिया गया, इस बीच अजय कुमार यादव प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर भी हो गये, इसलिए उन्हें सदर कोतवाल बना दिया गया। कोतवाली में कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने धूआंधार बल्लेबाजी शुरू कर दी। अधिकांश अवैध धंधे बंद करा दिए। कोतवाली को दलालों से मुक्त करा दिया, तो पुराने लोग ही पुनः प्रभावित होने लगे, सो अजय कुमार यादव के विरुद्ध षड्यंत्र रचने लगे।
सूत्रों का कहना है कि रिश्वतखोर पत्रकारों की योजना थी कि आबिद रजा द्वारा शराब बाँटने के झूठ को इतना ज्यादा फैलायेंगे कि कार्रवाई न करने पर सत्ता पक्ष के नेता और अफसर अजय कुमार यादव के विरुद्ध हो जायेंगे और फिर कार्रवाई कर देंगे, लेकिन झूठ का खुलासा हो जाने से रिश्वतखोर पत्रकारों का षड्यंत्र सफल नहीं हो सका, जिससे वे अब झल्लाये घूम रहे हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)