बदायूं जिले को आईएएस जिलाधिकारी लंबे अर्से बाद मिले हैं, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि अब पिछड़ा जिला विकास के पथ पर दौड़ने लगेगा, क्योंकि अधिकांश प्रमोटिड अफसरों की कार्यप्रणाली समझौतावादी रहती है, जिससे प्रशासन में भ्रष्टाचार और लापरवाही बढ़ जाती है, जिससे जिलाधिकारी कार्यालय की गरिमा लगातार गिर रही थी। नवागत जिलाधिकारी आईएएस कुमार प्रशांत ने मंगलवार को लगभग 1 बजे कोषागार पहुँच कर कार्यभार ग्रहण कर लिया, इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आईएएस निशा अनंत, एसपी आरए डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट केके अवस्थी एवं अन्य तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों ने डीएम का स्वागत किया।
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जिला कोषागार में कार्यभार ग्रहण करने की औपचरिकता पूरी करने के बाद जिलाधिकारी आईएएस कुमार प्रशांत ने कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि वह 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि मऊ जिले के मूल निवासी हैं लेकिन, लंबे समय से परिवार लखनऊ में ही रहता है, शिक्षा विभिन्न स्थानों पर रह कर ग्रहण की है। उन्होंने बी-टेक (सिविल इंजीनियरिंग) आईआईटी कानपुर से किया है, उनकी पहली पोस्टिंग मुख्य विकास अधिकारी के पद पर गोरखपुर में हुई, जहाँ वे दो वर्ष तक रहे।
वह जनपद चंदोली और फतेहपुर के जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं। हाल-फिलहाल आईसी इलेक्ट्रॉनिक विभाग- लखनऊ में विशेष सचिव का दायित्व संभाल रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता कानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखना एवं केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का अक्षरशः क्रियान्वयन करना होगी। जनता की शिकायतों का गुणवत्तापूर्वक व समयवद्ध निस्तारण करायेंगे।
नवागत जिलाधिकारी आईएएस कुमार प्रशांत देर शाम सांसद संघमित्रा मौर्य, आईएएस सीडीओ निशा अनंत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी और भारत सरकार की ओर से नमामि गंगे का निरीक्षक करने आई टीम के सदस्यों के साथ कछला स्थित गंगा आरती में शामिल हुए। नवागत जिलाधिकारी आईएएस कुमार प्रशांत के हाव-भाव से लग रहा है कि वे पिछड़े जिले को विकास के पथ पर दौड़ाने में सफल होंगे। सरकारी कार्य को नियमानुसार लागू कर के जनता का चहेता बनना पसंद करेंगे। लोकप्रिय होने के लिए आडंबरों से ब्रांडिंग नहीं करेंगे। बता दें कि पिछले कुछ समय से आम जनता के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा था।
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