बदायूं जिले में दातागंज विधान सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” के कहने पर ही डीएम दीपा रंजन का स्थानांतरण किया गया है, जिससे एक बार फिर यह बात सत्य हो गई है कि विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” को जो अफसर नहीं भाता, वह जिले में टिक नहीं पाता। डीएम दीपा रंजन का स्थानांतरण बांदा जिले में डीएम पद पर हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” शुक्रवार की शाम लखनऊ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मिले थे और उन्हें एक पत्रावली दी थी। पत्रावली का अवलोकन करते ही मुख्यमंत्री ने डीएम दीपा रंजन को तत्काल हटाने के निर्देश दे दिए थे। शनिवार देर रात प्रदेश में छः आईएएस अफसरों के स्थानांतरण किये गये हैं, जिनमें डीएम दीपा रंजन का भी नाम है, उन्हें बांदा का डीएम बनाया गया है।
डीएम दीपा रंजन का कार्य और व्यवहार संतोषजनक रहा लेकिन, डीएम कार्यालय से संबद्ध रहे एक बाबू की कार्यप्रणाली के चलते उनकी भी छवि पर नकारात्मक असर पड़ा। हालाँकि उक्त बाबू हाल-फिलहाल डीएम कार्यालय में नहीं है। बीमारी का उपचार कराने हेतु छुट्टी पर चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल से बीमार बाबू अफसरों और लिपिकों को फोन करता है और कहता है कि दो-चार दिन में आकर ज्वाइन कर लूँगा तभी मुझ से आकर मिलना, इस बाबू की अधिकांश विभागों में दहशत बताई जाती है। बेरोजगार युवाओं का चरित्र प्रमाण तक आसानी से नहीं बन पा रहा था। हालाँकि डीएम दीपा रंजन ईमानदार बताई जाती हैं, साथ ही उनकी कार्य प्रणाली पारदर्शी बताई जाती है पर, उक्त बाबू की कार्य प्रणाली से संभवतः अनिभिज्ञ रहीं, जिससे वह निरंकुश हो गया था पर, प्रेम जौहरी की तैनाती के बाद से डीएम कार्यालय की साख में सुधार हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” की नाराजगी का कारण उक्त बाबू ही बना था, जिससे उनकी डीएम कार्यालय से दूरी बनती चली गई। जिले के सबसे बड़े अफसर से संवादहीनता होने पर किसी भी जनप्रतिनिधि को अच्छा नहीं लगेगा, सो विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” ने लखनऊ में शुक्रवार शाम को भेंट कर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को कई गंभीर प्रकरणों से साक्ष्य सहित अवगत करा दिया, जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल डीएम को हटाने के निर्देश दे दिए।
यह भी बता दें कि डीएम दीपा रंजन पिछले कुछ दिनों से बेहद सक्रिय हो गई थीं, वे लगातार दौरे कर रही थीं, निरीक्षण कर रही थीं और विकास कार्यों एवं योजनाओं को गति देने का प्रयास कर रही थीं, वे प्रसिद्ध मेला ककोड़ा की तैयारियों में जुटी हुई थीं, इस बीच उनका स्थानानांतरण हो गया, जिसका असर मेले पर पड़ सकता है।
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