बदायूं में जिला स्तरीय नवाचार शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें कहा गया कि देश का भविष्य शिक्षकों के हाथ में होता है। अध्यापक विद्यालयों में अनुशासन के साथ शिक्षण कार्य करें। नए सत्र में बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होना अनिवार्य है। गांवों में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। एसएमसी समिति की बैठक अध्यापक समय-समय पर करते रहे। सभी लोगों को मिलकर जनपद का भविष्य बदलना है। पुरातन छात्र सम्मान माह के प्रत्येक 9 तारीख को आयोजित किया जाए।
रविवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में दर्जा राज्यमंत्री वीएल वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नवाचार शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने शिक्षकों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक के हाथ में देश का भविष्य छिपा है। शिक्षक पूरी मेहनत और लगन के साथ बच्चों को पढ़ाएं। उन्होंने कहा जितनी जल्दी घर में बदलाव नहीं लाया जा सकता है, उससे जल्दी जिलाधिकारी ने पूरे जनपद में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला दिया है। शिक्षक माता-पिता और बच्चे आपस में अच्छा तालमेल बनाकर शिक्षण कार्य करें। अध्यापक और माता-पिता ही सोचते हैं कि बच्चे भविष्य में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जिस तरह जनपद में शिक्षा आगे बढ़ रही है, उसी गति से कायम रखें।
सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि देश में शिक्षक का स्थान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उसी को बरकरार रखते हुए मेहनत और लगन से शिक्षण कार्य करके जनपद को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक जैसा बच्चों को शिक्षा देगा, उसी तरह देश का भविष्य बनेगा। जो जिसको जिम्मेदारी दी गई है, वह समय से निभाएं। दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि एक शिक्षक ही ऐसा व्यक्ति है, जिसकी बताई बातें जीवन भर याद रहती हैं। शिक्षक का दर्जा भगवान के बराबर होता है। बच्चा तो कोरा कागज होता है, शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति है, जो उसके भविष्य को उज्जवल बना सकता है। उन्होंने कहा कि समस्त अध्यापक बड़ी मेहनत और लगन के साथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसी तरीके से नए सत्र में और मेहनत से शिक्षण कार्य करें। जिला अध्यक्ष हरीश शाक्य ने कहा कि शिक्षण कार्य में जनपद में बदलाव हो रहा है, अध्यापक लगन और निष्ठा से शिक्षण कार्य करके जनपद को एक नई ऊंचाई की ओर ले जायें।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने समस्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक बदलाव देखने को मिल रहा है। अध्यापक नए सत्र से पूरी मेहनत और लगन से शिक्षण कार्य करें। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कारिक शिक्षा भी देना बहुत आवश्यक है। विद्यालय में प्रार्थना होने के बाद बच्चों को आधा घंटा संस्कारी ज्ञान अवश्य दिया जाए। नए सत्र में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि अध्यापक की जिम्मेदारी है कि बच्चा खेत में हो या घर में विद्यालय अवश्य लाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के घर में बहुत ज्यादा गरीबी होने के कारण बच्चा स्कूल नहीं भेज पा रहा है, ऐसी समस्याओं से अवगत कराया जाए, उसकी व्यवस्था तत्काल की जाएगी और उसका बच्चा विद्यालय पढ़ने अवश्य जाना चाहिए। विद्यालयों में अनुशासन के साथ शिक्षा दी जाए।
उन्होंने कहा कि अध्यापक एसएमसी टीम के साथ समय-समय पर बैठक अवश्य करते रहें। बच्चों की उपस्थिति में कमी न होने पाए। पूर्व छात्र सम्मेलन माह के प्रत्येक 9 तारीख को आयोजित करते रहे, जिससे विद्यालय और जनता में एक जुड़ाव बना रहे। बच्चे अपने अनपढ़ माता-पिता को बढ़ाकर शिक्षित करें। अध्यापकों की जिम्मेदारी है कि बच्चा प्रतिदिन साफ-सुथरा होकर ही विद्यालय पढ़ने आए जिससे बच्चों में हीन भावना उत्पन्न न हो सकें। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों से आगे प्राथमिक विद्यालयों को ले जाना है। अध्यापक देश का भविष्य बना रहे हैं, यह कार्य आनंद लेकर सकारात्मक सोच के साथ करें। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामचन्द्र यादव ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी दिशा निर्देश दिए गए हैं, उस का अक्षरश: पालन किया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री राजेश्वर सिंह पटेल, समिति के प्रदेश प्रभारी मनोज कुमार सिंह, सह-जिला प्रभारी डॉ. अनिरुद्ध शर्मा, प्रवीण कुमार एवं हरिश्चंद्र सक्सेना सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे।
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