बदायूं जिले में भ्रष्टाचार पुलिस-प्रशासन का अधिकार बन गया है। खुलेआम कोई गरीबों को लूट रहा है, कोई पीड़ितों को लूट रहा है, कोई महिलाओं को लूट रहा है, कोई बुजुर्गों को लूट रहा है, कोई विकलांगों को लूट रहा है तो, कोई बेरोजगारों को लूटता नजर आ रहा है। लूटने वालों के चेहरे पर अहसास कराने के बावजूद ग्लानि का भाव तक नहीं आता। चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय और प्रशासनिक अफसर भी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते।
जिला पुरुष और जिला महिला अस्पताल भ्रष्टाचारियों के चंगुल में बताये जा रहे हैं, यहाँ हर समय खुलेआम रूपये वसूले जाते हैं। रूपये न देने पर यहाँ कोई देखना भी पसंद नहीं करता। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक कर्मचारी बेरोजगारों को खुलेआम लूटता दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में आवेदन के साथ साधारण चरित्र प्रमाण पत्र माँगा जाता है, जो डॉक्टर अथवा, प्रधानाचार्य से बनवाना होता है।
बताते हैं कि जिला अस्पताल में चरित्र प्रमाण पत्र की कीमत बीस रूपये वसूली जाती है। रिश्वत को लेकर कर्मचारियों में न ग्लानि है और न ही कोई भय दिख रहा है। रिश्वत खुलेआम वसूली जा रही है, इसके बावजूद विभागीय और प्रशासनिक अफसर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं, यही हाल जिला महिला अस्पताल का बताया जा रहा है, यहाँ डिलीवरी कराने के बदले दो हजार और ऑपरेशन के पांच हजार रूपये वसूले जाते हैं। नर्स और चपरासी अलग ठगते हैं पर, गरीबों का दर्द कोई अहसास नहीं कर पा रहा है।
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