बदायूं के डीएम आईएएस कुमार प्रशांत ने औचक रूप से जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। डीएम को आता देख अस्पताल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। गंदगी देख डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने सीएमएस से कहा कि अस्पताल में इस तरह की गंदगी भविष्य में नहीं मिलनी चाहिए। रोजाना फिनायल से सफाई होना चाहिए तथा दिनों के अनुसार बेड शीट बदलनी चाहिए।
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गुरुवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) नरेन्द्र बहादुर सिंह के साथ जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। ड्यूटी चार्ट पर मौजूद चिकित्सकों के नाम लिखे न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में पहुंच कर चिकित्सकों से उनके बारे में जाना, साथ ही उन्होंने रमजानपुर की रूपा कुमारी पत्नी तेजराम से उसके मर्ज के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने स्टाफ नर्स कक्ष में पहुंच कर चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी के बारे में जाना। उन्होंने जनरन वार्ड में पहुंच कर मरीजों एवं उनके तीमारदारों से उनके पास बैठकर उनके मर्ज और इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
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बेड शीट गंदी देखकर डीएम का पारा चढ़ गया। सीएमएस बीबी पुष्कर ने बताया कि रोजाना दिन के अनुसार चादरें बदली जाती हैं। डीएम ने कहा कि अगर, सफाई की यह व्यवस्था है तो, मैं सफाई व्यवस्था से सहमत नहीं हूँ। डीएम ने कहा कि फर्श भी बता रहा है कि इसकी नियमित सफाई नहीं हो रही है। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके उपरान्त डीएम ने मलेरिया एवं डेंगू वार्डाें में जाकर भी मरीजों से उनका हाल जाना। उन्होंने तीमारदारों से चिकित्सक द्वारा मरीजों को देखने एवं अस्पताल की ओर से दिए जाने वाले भोजन के बारे में भी जाना। उन्होंने पूछा कि अस्पताल में किसी प्रकार का कोई शुल्क तो नहीं लिया जाता है। तीमादारों के जवाब पर डीएम ने संतुष्टि जताई है। उन्होंने मरीजों को ओढ़ने के लिए कम्बल देने के भी निर्देश दिए हैं।
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इसके साथ डीएम ने रसोई घर एवं लाउंड्री रूम में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो, जहां एक रसोई घर की व्यवस्थायें मानक के अनुसार नहीं मिली, वहीं दूसरी ओर लाउन्ड्री रूम में डिटर्जेंट पाउडर भी नहीं पाया गया। इन अव्यवस्थाओं को देख डीएम ने निराशा जताई। रसोई घर के सामने पानी के निकास न होने के साथ जल भराव देखकर जल निकासी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। नेत्र विभाग में पहुंच कर निरीक्षण किया और उन्होंने अपने अर्दली बदन सिंह की आंखों को टेस्ट कराकर परखा।
कार्यदायी संस्था पैक्सफेड द्वारा नव-निर्मित इमरजेंसी वार्ड में फिनीशिंग कार्य पूर्ण न होने पर निर्देश दिए कि जल्द से जल्द छोटी-छोटी कमियों को दूर कर हैंडओवर करें। डीएम ने निर्देश दिए कि चिकित्सक मरीजों को समय-समय पर जाकर उनका हाल जानते रहे। उन्होंने कहा कि बेहतर से बेहतर इलाज करें, मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। सभी प्रकार की दवाईयां मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध कराई जायें। किसी मरीज को बाहर मेडिकल स्टोर से दवाई न लिखी जाए। आवारा पशुओं को चिकित्सालय में घूमता देख उन्होंने अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए कि पशुओं को पकड़वाकर गौशाला एवं काजी हौज में रखवायें। ध्यान रखें कि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। यह भी बता दें कि जिला महिला अस्पताल के हालात बेहद खराब हैं, यहाँ भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर है, जिससे डीएम को यहाँ कड़ा शिकंजा कसना होगा।
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