बदायूं के जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का दायित्व संभाल रहे डॉ. भारत भूषण पुष्कर जमकर मनमानी करते नजर आ रहे हैं। तबादला होने के बावजूद कार्यभार नहीं छोड़ रहे हैं, साथ ही नियमों के विरुद्ध आर्थिक कार्य भी कर रहे हैं। शासन व विभागीय अफसरों के आदेशों की अवहेलना होने से आम जनता के बीच संदेश गलत जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का दायित्व संभाल रहे डॉ. भारत भूषण पुष्कर पर नियमों के विरुद्ध कार्य करने के आरोप लगते रहे हैं। ब्लड बैंक के विवादित व आरोपी कर्मचारियों को बहाल करने का आरोप लगा था। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक से अभद्रता करने का आरोप लगा था, जिसे राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता ने गंभीरता से लिया। राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता ने डॉ. भारत भूषण पुष्कर के क्रिया-कलापों से शासन को अवगत करा दिया।
चिकित्सा अनुभाग- 2 के उप सचिव जेएल यादव ने 11 फरवरी 2020 को आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार डॉ. भारत भूषण पुष्कर को मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय में स्थिति ट्रामा सेंटर में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैनात किया गया था लेकिन, उन्होंने कार्यभार नहीं छोड़ा, इसी दिन यहाँ वरिष्ठ परामर्शदाता का दायित्व संभाल रहे डॉ. सुकुमार अग्रवाल को अस्थाई रूप में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया गया था पर, डॉ. भारत भूषण पुष्कर उन्हें कार्यभार देने को तैयार नहीं हैं।
सूत्रों का कहना है कि बरेली स्थित एडी हेल्थ ने भी आदेश का पालन करने का आदेश दिया है पर, उनके आदेश को भी रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया गया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि सीएमओ शासन और विभागीय आदेशों का पालन कराने में रूचि क्यों नहीं ले रहे हैं। आदेशों का पालन न होने से आम जनता के बीच शासन और विभागीय अफसरों की छवि खराब हो रही है।
बताते हैं कि डॉ. सुकुमार अग्रवाल जून माह में सेवानिवृत्त होंगे, उन्हें कुछ महीने ही कार्य करने का अवसर मिलेगा पर, सेवानिवृत्त होने से पहले सीएमएस का दायित्व संभाल लिया तो, उनके लिए एक सुखद अनुभूति होगी लेकिन, डॉ. भारत भूषण पुष्कर निजी स्वार्थ में उनके सम्मान का भी ध्यान नहीं रख रहे हैं, जिससे सहभागियों के बीच भी आलोचना की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि मार्च महीने में शेष बची धनराशि को तेजी से खर्च किया जाता है, इस धनराशि को खर्च करने के लालच में ही डॉ. भारत भूषण पुष्कर कार्यभार नहीं छोड़ रहे हैं और लगातार नियमों के विरुद्ध धन खर्च कर रहे हैं, जबकि तबादला होने के बाद ऐसा करना अनैतिक माना जाता है। अब डीएम कुमार प्रशांत से ही आशा व्यक्त की जा रही है कि वे ही शासन और विभागीय आदेशों का पालन कराते हुए डॉ. भारत भूषण पुष्कर को कार्यमुक्त करायेंगे।
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