बदायूं के अधिवक्ता आक्रोशित हैं। हत्याओं और उत्पीड़न की वारदातों को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर रहे एवं विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा। दुर्व्यवहार को लेकर अधिवक्ताओं ने असिस्टेंट टैक्स कमिश्नर का भी बहिष्कार कर दिया है। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कमिश्नर के नाम ज्ञापन भेजा है।
बार कौंसिल उत्तर प्रदेश- इलाहाबाद के आह्वान पर जिला बार एसोसियेशन शुक्रवार को हड़ताल पर रही। एसोसियेशन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा, जिसमें तीस हजारी- दिल्ली की घटना में घायल अधिवक्ताओं को 10 लाख मुआवजा देने की मांग की। तीन महीने के अंदर दंडित कराने की मांग की। यूपी में जिन अधिवक्ताओं की हत्या हुई है, उनके आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा दिया जाये एवं दोषियों को तीन माह के अंदर दंडित कराया जाये।
अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाये एवं अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में लंबित प्रकरणों को निस्तारित किया जाये। अधिवक्ता भविष्य निधि को पांच लाख किया जाये। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के इंतजाम किये जायें। पुलिस अफसर और सिपाही न्यायालय परिसर में शस्त्र के साथ प्रवेश न करें। अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम बनाया जाये, इस दौरान शिवकुमार शर्मा, अजय कुमार सिसौदिया, विवेक शर्मा, अंकित कुमार सक्सेना, धर्मेन्द्र भदौरिया, सुधीर कश्यप, पंकज कुमार सिंह सहित तमाम अधिवक्ता उपस्थित रहे।
उधर असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर खंड- 1 श्वेता सिंह के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि श्वेता सिंह अधिवक्ताओं और वादकारियों से अभद्रता करती हैं। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने श्वेता सिंह का अनिश्चितकाल तक के लिए बहिष्कार करने की घोषणा की है, इस दौरान अर्जुन सिंह, अमोल गोयल, अभिषेक उपाध्याय, यश प्रिया, जयप्रकाश मौर्य, हसीब मियां, मनोज कुमार सक्सेना, राजेन्द्र कुमार गोयल, जितेन्द्र गुप्ता, विनोद कुमार यादव सहित तमाम अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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