कविता, गीत और गजल की नदी में श्रोताओं ने ठंड में भी रात भर लगाई डुबकी

कविता, गीत और गजल की नदी में श्रोताओं ने ठंड में भी रात भर लगाई डुबकी

बदायूं में बीती रात कविता रूपी नदी में श्रोताओं ने जमकर डुबकी लगाई। डॉ. उर्मिलेश जन-चेतना समिति द्वारा राष्ट्रीय गीतकार स्वर्गीय डॉ. उर्मिलेश की स्मृति में आयोजित किये गये “डॉ. उर्मिलेश स्मृति उत्सव” अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसमें ठंड के बावजूद श्रोता अंत तक जमे रहे। उत्सव के समारोह में समिति की ओर से डॉ. उर्मिलेश की स्मृति में डॉ. कीर्ति काले को गीत श्री सम्मान, मदन मोहन समर को ओजस्वी स्वर सम्मान, एवं हसीब सोज़ को ग़ज़ल सम्मान से दिया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीएम कुमार प्रशांत एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं डॉ. उर्मिलेश के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। समिति द्वारा उनका जोरदार सम्मान किया गया, इस अवसर पर डीएम कुमार प्रशांत ने चार दिन चले उत्सव के व्यवस्थित एवं विराट आयोजन के लिए समिति को बधाई दी और कहा कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए वे व्यक्तिगत रुप से प्रयास करेंगे। एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने डॉ. उर्मिलेश की स्मृति को नमन करते हुये विविधता पूर्ण आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। डीएम एवं एसएसपी द्वारा सभी कवियों एवं शायरों का सम्मान किया गया।

इसके बाद कवि सम्मेलन का विधिवत् आरम्भ हुआ, जिसमें दिल्ली से आयीं सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ. कीर्ति काले ने मां सरस्वती की वन्दना प्रस्तुत की। गीत श्री से सम्मानित डॉ. कीर्ति काले ने कहा, ऐसा संबंध जिया हमने, जिसमें कोई अनुबंध नहीं, नवगीत रचा ऐसा, जिसमें हो पूर्व नियोजित छंद नहीं। दिल्ली से शायर अबूजर नवेद ने कहा कि हमारा देश भारत है सभी की आंखो का तारा है, हमें इस मुल्क की ख्याति को हो मरना भी गंवारा है, भला इस सर ज़मीन-ए-हिन्द को हम छोड़ने दें कैसे, हमारी रुह कहती है ये हिन्दरुस्तां हमारा है।

बाराबंकी से पधारे युवा कवि गजेन्द्र प्रियांशु ने कहा, रुत चली जायेगी फिर से आना नही, यह जवानी रहेगी जवानी नहीं, सब्र की एक सीमा भी होती पिया, हर किसी का तो दिल आडवानी नहीं। हास्य व्यंग के प्रसिद्ध कवि सर्वेश अस्थाना ने कहा, रिश्तों में तकरार बहुत है लेकिन, इनमें प्यार बहुत है, अपनी तेग संभलकर पकड़ो, इस गर्दन में धार बहुत है। सुप्रसिद्ध ओज कवि आशीष अनल ने कहा, प्रश्न की वीरता के तीन पर्याय लिखो, यूं लगा कि बच्चे ने ही अभिज्ञान लिख दिया, तीजा परियाय जब उसे याद आया नहीं, उसने वहां पे सिर्फ हिन्दुस्तान लिख दिया।

ओजस्वी स्वर सम्मान से सम्मानित भोपाल से आये मदन मोहन समर ने कहा, यह वक्त बहुत ही नाजुक है हम पर हमले दर हमले हैं, दुश्मन का दर्द यही तो है हम हर हमले पर संभले हैं, सैनिक सीमा साधे रखना हम भीतर देश बचाऐंगे, तुम कसम निभाना सरहद की हम अपना नमक चुगांयेगे। अमरोहा से पधारी शायरा निकहत अमरोहवी ने कहा, मेरा तन मन ही क्या जां कुरबान है, इससे उलफत मेरा निसफ इमान है, इस तिरंगे को झुकने न दूंगी कभी, ये तिरंगा मेरे मुल्क की शान है। गज़ल सम्मान से सम्मानित शायर हसीब सोज ने कहा, अपने पैरों से चला जितना भी चल सकता है, रथ का पहिया तो किसी दिन भी निकल सकता है। प्रसिद्ध शायर अज़्म शाकरी ने कहा, जब हम अपने घर आये, आंख में आंसू भर आये, चिड़िया रोकर कहती है, क्यों बच्चों के पर आये। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. उर्मिलेश के पौत्र आगम अशेष ने उनकी रचित रचना वन्देमातरम् गाकर कार्यक्रम का समपान किया।

डॉ. सोनरुपा विशाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन का संचालन कवि सर्वेश अस्थाना ने किया। इस अवसर पर आयोजन में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारती, डीसी मनरेगा आरएस यादव, प्रदीप गोयल सर्राफ, श्याम शर्मा, उसहैत नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन गौरव गुप्ता, भाजपा महामंत्री शारदेंदु पाठक, सुभाष चंद्र अग्रवाल, अमित वार्ष्णेय, डॉ. रामबहादुर व्यथित, डॉ. उपदेश शंखधार, कवि नरेंद्र गरल, डॉ. अवधेश पाठक, डॉ. गोपाल मिश्रा, डॉ. एसके गुप्ता, सतीश चन्द्र मिश्रा, मंजुल शंखधार, सुधांशु शर्मा, दीपक सक्सेना, अनूप रस्तोगी, परविंदर सिंह दुआ, मनोज रस्तोगी, प्रतीश गुप्ता, विशाल ररस्तोगी, कुमार आशीष, भारत शर्मा, सुधीर माहेश्वरी, भानुप्रताप शाक्य, दिनेश मदान, प्रशान्त दीक्षित, इकबाल असलम, अशोक सक्सेना, विजय मौर्य, इजहार अहमद, नरेश चन्द्र शंखधार, सुमित मिश्रा, सौरभ शंखधाार, नितिन गुप्ता, पराग गुप्ता, राहुल भारद्वाज, आमिर सुल्तानी, अतुल सक्सेना, कमलेश ज्ञानी आदि उपस्थित रहे।

इसके अलावा डॉ. उर्मिलेश स्मृति उत्सव के आखिरी दिन आयोजन में सहयोगी रहे सदस्यों, पत्रकारगणों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि नगर विकास राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता रहे, समिति की ओर से उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर सहयोगियों को सम्मानित करते हुये राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि चार दिन इस सांस्कृतिक आयोजन ने जनपद वासियों को एक स्वस्थ्य मनोरंजन प्रदान किया, भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं उद्धभव के लिए ऐसे आयोजन समय की मांग है, जिनमें यह 100 प्रतिशत खरा उतरा, उन्होंने समिति के संयोजक डॉ. अक्षत अशेष एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

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