बदायूं क्लब के तत्वावधान एवं बैंक ऑफ बडौदा के सहयोग से हिंदी दिवस पखवाड़ा के अन्तर्गत हिंदी सेवी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने 13 हिंदी सेवियों एवं दिवंगत साहित्यकारों के परिजनों को सम्मानित किया, इससे पूर्व जिलाधिकारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं पुष्प अर्पित कर शुभारम्भ किया। विशिष्ट अतिथि के रुप में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ऋतु पुनिया उपस्थित रहीं, कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबन्धक सतीश कुमार रहे।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जिलाधिकारी कुमार प्रशांत एवं अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ऋतु पुनिया का बदायूं क्लब के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। बदायूं क्लब की ओर से बदायूं जनपद के चार दिवंगत साहित्यकारों को मरणोपरान्त सम्मानित किया गया। प्रख्यात राष्ट्रीय कवि स्व. डॉ. ब्रजेन्द्र अवस्थी का सम्मान उनकी पुत्रवधू डॉ. निशि अवस्थी, बिल्सी के हास्य व्यंग कवि स्व. काका देवेश का सम्मान उनके पुत्र आशीष वशिष्ठ, हास्य व्यंग कवि स्व. डॉ. मौहदत्त साथी का सम्मान उनके पुत्र आलोक गौड़ एवं ग़ज़लकार स्व. घनश्याम निशि का सम्मान उनके पुत्र शान्तनु निशि सक्सेना को दिया गया, इन सभी को माल्यार्पण कर, शॉल उड़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, इस अवसर पर जनपद के अलग-अलग क्षेत्र के 9 हिंदी विद्वान एवं साहित्यकारों को हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया, जिसमें ओज कवि उमाशंकर राही, बिल्सी के संजीव आर्य रुप, उझानी के गीतकार गीतम सिंह, ग़ज़लकार अनिल रस्तोगी, कवि एवं सम्पादक बिनावर के डॉ. दीपंकर गुप्त, वजीरगंज के मूल निवासी एवं ग़ज़लकार विशाल गाफिल, शिक्षक, गौतरा क्षेत्र के ग़ज़लकार एवं सम्पादक डॉ. निशांत असीम, कवियत्री एवं लेखिका शिल्पी अनूप रस्तोगी, कटरा सआदतगंज क्षेत्र के ओज कवि कमलकान्त तिवारी प्रमुख रहे।
साहित्यकारों को सम्मानित करते हुये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने कहा कि हिंदी हमारे मन की भाषा है, सारे धर्म, जाति, वर्ग में हिंदी ही ऐसी भाषा है, जो आत्मा से जुड़ी है, बदायूं में हिंदी के उत्थान में बहुत साहित्यकारों ने कार्य किया है और मौजूदा कवि भी कर रहे हैं, आज आवश्यक्ता है कि ऐसे आयोजनों, और सार्थक कार्यों द्वारा हिंदी के प्रसार एवं प्रचार और सम्मान के लिए हम सब मिल कर कार्य करें। इससे पूर्व अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ऋतु पुनिया ने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, जीवन, वातावरण में रची बसी है और हम ही लोग उसका तिरस्कार कर रहे हैं, जो सोचने की बात है, हमें हिंदी के महत्व को अपनी नई पीढ़ी को बताना और समझाना चाहिए।
क्लब के सचिव डॉ. अक्षत अशेष ने अन्त में सभी का आभार व्यक्त किया और उन्होंने जिलाधिकारीे के समक्ष बदायूं के दिवंगत हुये साहित्यकारों, कलाकारों जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर बदायूं को पहचान दिलाई है, उनके नाम से किसी मार्ग के नामकरण आदि करने का प्रस्ताव दिया, ताकि आने वाली पीढ़ी उन्हें जान सके, जिसका सभागार में उपस्थित समस्त साहित्यकारों ने स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार एवं सांस्कृतिक सचिव डॉ. रामबहादुर व्यथित ने किया। इस अवसर पर आयोजन में इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं प्रिन्ट मीडिया के पत्रकारगण, उपाध्यक्ष डॉ. एस. के. गुप्ता, अनूप रस्तोगी, रविन्द्र मोहन सक्सेना, नितिन अग्रवाल, सतपाल सोलंकी, नरेश चन्द्र शंखधार, सौरभ शंखधार, सुशील शर्मा, इकबाल असलम, नम्रता रस्तोगी, अभिषेक तन्हा, अब्बासी पेन्टर आदि उपस्थित रहे।
इसके अलावा जिलाधिकारी एवं क्लब के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने क्लब में पुर्ननिर्माण हो रहे राष्ट्रीय एकता उद्यान का निरीक्षण किया एवं पौधारोपरण किया। इस अवसर पर उन्होंने उद्यान में हरियाली युक्त पौधों के साथ-साथ लोगों के बैठने के लिए बेंच आदि लगवाने का निर्देश दिया। क्लब के सचिव डॉ. अक्षत अशेष ने बताया कि इस उद्यान का पुर्ननिर्माण मैंथा व्यवसायी स्व. कमल अग्रवाल की स्मृति में उनके पुत्र एवं व्यवसायी नितिन अग्रवाल करा रहे हैं।
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