बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की संघमित्रा मौर्य जीत गई हैं लेकिन, शहर में भारतीय जनता पार्टी संघमित्रा मौर्य को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव ने पछाड़ दिया, यह भारतीय जनता पार्टी के लिए चितंन का विषय होना चाहिए। विधायक महेश चंद्र गुप्ता और उनके बेटे विश्वजीत गुप्ता ने ग्रामीण क्षेत्र में कड़ी मेहनत न की होती तो, धर्मेन्द्र यादव सदर विधान सभा क्षेत्र में भी संघमित्रा मौर्य को हरा देते।
जी हाँ, बूथवार जो आंकड़े सामने आये हैं, वे चौंकाने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी शहरी क्षेत्र की पार्टी मानी जाती है। समाजवादी पार्टी शहर क्षेत्र में कमजोर मानी जाती है, इसके बावजूद शहर में धर्मेन्द्र यादव 1227 वोटों से जीते हैं, जबकि विधान सभा चुनाव में महेश चंद्र गुप्ता विजयी हुए थे एवं उसके बाद हुए नगर निकाय के चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी ने ही बाजी मारी थी, फिर ऐसा क्या हुआ, जिससे शहर में भाजपा का जनाधार घट गया।
संभवतः शहर के हालात पता थे तभी, विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने शहर से स्वयं को दूर रखा था, वे और उनके बेटे विश्वजीत गुप्ता रात-दिन ग्रामीण क्षेत्र में जुटे रहे, जिसका परिणाम यह हुआ कि मुस्लिम बाहुल्य गांवों में भी भाजपा को विधान सभा चुनाव की तुलना में दोगुना वोट मिले हैं लेकिन, शहर में भाजपा को 30887 और सपा को 32114 वोट मिले हैं। विधान सभा क्षेत्र में भाजपा लगभग 15 हजार वोटों से आगे रही है। शहर में भाजपा क्यों पिछड़ी, यह भाजपा के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
महेश चंद्र गुप्ता और उनकी टीम ग्रामीण क्षेत्र में अपेक्षा से कम मेहनत करती तो, भाजपा विधान सभा क्षेत्र में भी पिछड़ सकती थी। शहर के लोग भाजपा से त्रस्त थे, व्यक्ति विशेष से त्रस्त थे अथवा, कोई और कारण रहा, इसकी खोज करना भाजपाईयों के लिए बेहद जरूरी है। शहर के लोगों का भाजपा से मोह भंग होने का कारण नगर पालिका परिषद द्वारा बरती जा रही लापरवाही को प्रमुख कारण माना जा रहा है। अब पालिकाध्यक्ष, विधायक, सांसद के साथ प्रदेश और देश में भाजपा का ही कब्जा है, ऐसे में एक भी व्यक्ति का मायूस होना बड़ी बात होना चाहिए। उम्मीद है कि शहर में हुई हार से सबक लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शहर के लोगों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास करेगा।
एक बात और फैलाई जा रही है कि सपा प्रत्याशी को जाटवों ने धोखा दे दिया, यह भी सही नहीं है, क्योंकि जाटव बाहुल्य तमाम गांवों में भाजपा का प्रदर्शन शून्य के आस-पास ही रहा है। पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर के गाँव त्रिलोकपुर में भी भाजपा को वोट नहीं मिले हैं, जबकि वर्तमान में उनके बेटे कुशाग्र सागर बिसौली क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं, ऐसे में सामान्य गांवों से वोट मिलने की अपेक्षा करना भी गलत होगा।
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