बदायूं जिले में भ्रष्टाचार अब कोई मुद्दा नहीं रहा है। रिश्वतखोरी पर अब कोई शर्मसार नहीं होता और न ही अफसर रिश्वतखोरों के विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार हैं। भ्रष्टाचार पर भाजपा जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा करती है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध स्वयं कड़ी कार्रवाई करते हैं पर, पुलिस विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति मानने को तैयार नजर नहीं आ रहा है, जिससे भाजपा सरकार की जमकर फजीहत होती नजर आ रही है।
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कोतवाली सहसवान में तैनात सब-इंस्पेक्टर वारिश खान के वीडियो और ऑडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह यौन उत्पीड़न के मुकदमा में आरोपियों से दलाल के घर में रिश्वत लेता नजर आ रहा है। दलाल के घर में रूपये लेकर जेब में रखते हुए वारिश खान स्पष्ट दिखाई दे रहा है, इसके अलावा ऑडियो में वारिश खान पीड़ित को आश्वस्त कर रहा है कि वह बयान के बाद सबके नाम निकाल देगा, साथ ही अन्य ऑडियो में दलाल पीड़ित को कई सुझाव देता हुआ सुनाई दे रहा है।
वीडियो और ऑडियो वायरल होने के 36 घंटे बाद भी अफसरों ने वारिश खान के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे पुलिस विभाग के साथ भाजपा सरकार की भी जमकर फजीहत हो रही है। यह भी बता दें कि गणतंत्र दिवस के समारोह में वारिश खान को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था, अफसर गलत साबित न हों, इसीलिए वारिश खान को संभवतः बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे पहले एसडीएम सदर के न्यायालय में तैनात हेड कांस्टेबिल संदेश मिश्रा का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। सीओ सिटी विनय कुमार द्विवेदी ने वीडियो की जाँच की और एसएसपी को कार्रवाई करने की संस्तुति सहित आख्या 31 दिसंबर 2019 को सौंप दी लेकिन, अभी तक इसे भी निलंबित नहीं किया गया है, इससे स्पष्ट है कि पुलिस विभाग के लिए भाजपा की जीरो टॉलरेंस नीति से कोई मतलब नहीं है।
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