बदायूं जिले में हालात सुधरने की जगह और ज्यादा भयानक होते जा रहे हैं। भाजपा सरकार गाँव और गरीब के विकास की बात कर रही है, लेकिन गाँव और गरीब के हिस्से को खुलेआम हजम किया जा रहा है। गरीब और गाँव के लोग भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें भी कर रहे हैं, पर राजनैतिक संरक्षण के चलते अफसर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
ताजा प्रकरण बिल्सी विधान सभा क्षेत्र के ब्लॉक अंबियापुर का है, यहाँ एक जनप्रतिनिधि का प्रतिनिधि प्रत्येक ग्राम पंचायत में डस्टविन भिजवा रहा है। डस्टविन घटिया सामग्री का है, जिसकी मूल कीमत 2000 रूपये से भी कम की बताई जा रही है, लेकिन जनप्रतिनिधि का प्रतिनिधि डस्टविन 7200 रूपये में दे रहा है, जिसके चेक देने को ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों पर दबाव बनवा रहा है। उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण के चलते अधिकांश ग्राम पंचायत अधिकारी चेक देने को तैयार हैं, लेकिन एक ग्राम पंचायत अधिकारी ने स्पष्ट मना कर दिया, तो उसका तबादला करा दिया गया।
बताया जा रहा है कि छोटी ग्राम पंचायतों में 10-15 और बड़ी ग्राम पंचायतों में 20-25 डस्टविन भेजे जा रहे हैं, जिससे प्रत्येक ग्राम पंचायत को 72000 से लेकर डेढ़ लाख तक रूपये के चेक देने होंगे, इतनी मोटी रकम डस्टविन में खफा देने के बाद ग्राम पंचायतों में अन्य तमाम जरूरी काम नहीं हो पायेंगे, जिससे अधिकांश प्रधान आक्रोशित नजर आ रहे हैं। प्रधानों का कहना है कि प्रशासनिक मदद से की जा रही लूट बंद नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे। प्रधानों ने बताया कि संबंधित और शीर्ष अफसरों को लूट की जानकारी दे दी गई है, पर अभी तक डस्टविन की सप्लाई बंद नहीं हुई है, इसी तरह राशन डीलरों से उगाही की जा रही है। जो डीलर जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि को प्रत्येक महीने रूपये दे देता है, उसे राशन न बाँटने की छूट मिल जाती है और जो रूपये नहीं देता, उसके यहाँ छापा डलवा दिया जाता है।
भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार गाँव और गरीब का विकास करने का दावा कर रही है, इसी दावे पर विश्वास कर के आम जनता ने प्रचंड बहुमत दिया था, लेकिन जमीनी स्तर पर गाँव और गरीब के हिस्से का धन खुलेआम और दबंगई से हजम किया जा रहा है, पर कोई देखने और सुनने वाला भी नहीं हैं।
यह भी बता दें कि ऐसी ही लूट समाजवादी पार्टी की सरकार में की जा रही थी। समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र धींगड़ा ने सत्ता के दबाव में ब्लॉक सालारपुर की ग्राम पंचायतों में कूड़ा ढोने वाली ट्रॉली पहुंचा दी थी और अफसरों के द्वारा दबाव बनवा कर अपनी फर्म भगवती इंटर प्राइजेज के नाम पांच हजार रूपये का चेक मंगा लिया था, जबकि ग्राम पंचायतों की बैठक में ट्रॉली संबंधी प्रस्ताव नहीं किये गये थे, इस सबसे निजात पाने के लिए ही आम जनता ने भाजपा को वरीयता दी थी, लेकिन दुर्भाग्य है कि वही सब, अब भी हो रहा है।
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