बदायूं जिले की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया जब भारतीय जनता पार्टी ने जिलाध्यक्ष बदलने की घोषणा कर दी। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अशोक भारती को हटा कर राजीव कुमार गुप्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी। घोषणा भले ही सोमवार को हुई है लेकिन, इस महा-परिवर्तन की नींव कई माह पहले ही रख दी गई थी। प्रांतीय और राष्ट्रीय हाईकमान के संज्ञान में भ्रष्टाचार की शिकायतें साक्ष्य सहित लंबे समय से पहुंच रही थीं, जिसके आधार पर कराई गई जाँच में सब कुछ सही पाया गया तो, बेरहमी के साथ विकेट गिरा दिया गया। हाईकमान के निर्णय का जिले भर के कार्यकर्ता स्वागत कर रहे हैं और जश्न मना रहे हैं।
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सूत्रों का कहना है कि हाईकमान द्वारा जिलाध्यक्ष पद से बेरहमी से हटाए गये अशोक भारती का हर निर्णय आर्थिक आधार पर हो रहा था। छुट-पुट शिकायतें पहले दिन से ही सामने आ रही थीं लेकिन, उन्हें हाईकमान गंभीरता से नहीं ले रहा था। सर्वाधिक विवादित निर्णय पंचायत चुनाव में सामने आये। मुद्दा बना विकास क्षेत्र वजीरगंज का ब्लॉक प्रमुख का टिकट। सूत्रों का कहना है कि बरेली में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अशोक भारती से स्पष्ट कह दिया था कि वजीरगंज का ब्लॉक प्रमुख का टिकट शहीद हरिओम सिंह की पत्नी गुड्डो देवी को देना है लेकिन, बाद में स्वतंत्रदेव सिंह से सिफारिश कराने को लेकर उनके बेटे शिवम सिंह को अपमानित किया गया, जिसकी शिकायत उन्होंने पुनः स्वतंत्रदेव सिंह से कर दी, इसके अलावा पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुमिता वार्ष्णेय के पति राजकीय ठेकेदार अरविंद वार्ष्णेय से मोटी रकम ली गई लेकिन, उनका टिकट नहीं हुआ, जिसके बाद उनके रूपये भी वापस नहीं किये गये, इसकी लिखित शिकायत अरविंद वार्ष्णेय ने भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से की। अरविंद वार्ष्णेय की शिकायत पर हाईकमान ने जाँच करवाई तो, शिकायत सही पाई गई, इसी तरह विकास क्षेत्र अंबियापुर में रूपये लेने का प्रकरण हाईकमान के संज्ञान में पहुंच गया।
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पिछले दिनों अशोक भारती विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मिले थे और जिले के ईमानदार अफसरों को हटाने की बात कही थी, यह सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क गये थे, उन्होंने स्पष्ट कह दिया था कि अफसरों का तबादला कराने का काम तुम्हारा नहीं है, तुम संगठन पर ध्यान दो और भविष्य में इस तरह की सिफारिश लेकर यहाँ मत आना, यह घटना भी संगठन के संज्ञान में पहुंच गई थी कि अनैतिक कार्यों को लेकर दबाव न मानने वाले अफसरों को षड्यंत्र रच कर हटवाने का प्रयास किया जा रहा है।
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इसके अलावा अशोक भारती की बेटी सैनरा वैश्य उसहैत नगर पंचायत की निर्दलीय चेयरमैन निर्वाचित हुई थीं, वे पिता के जिलाध्यक्ष बनने पर स्वयं को वरिष्ठ भाजपा नेत्री कहने लगी थीं, साथ ही उसहैत में विकास कार्यों के नाम पर खुलेआम और दबंगई से सरकारी धन का गोलमाल होने लगा था। पिता अशोक भारती के दबाव के कारण शिकायत के बावजूद अफसर जांच तक करने को तैयार नहीं थे, साथ ही सैनरा वैश्य बदायूं शहर में सक्रिय भूमिका में आने का प्रयास कर रही थीं, जिससे भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और नेत्री नाराज थे लेकिन, भाजपा जिलाध्यक्ष होने के कारण कोई कुछ नहीं कर पा रहा था। ताजा प्रकरण भाजयुमो जिलाध्यक्ष बनाने का है, जो विवाद का कारण बना हुआ है, इस सबकी शिकायत भी हाईकमान तक पहुंची, जिसके बाद अशोक भारती को हटाने का निर्णय ले लिया गया।
अब बात करते हैं कि राजीव कुमार गुप्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की तो, उन्हें जिलाध्यक्ष का दायित्व देकर कई सारे हित एक ही निर्णय से पूरे किये गये हैं। राजीव कुमार गुप्ता दातागंज नगर पालिका के चेयरमैन रहे हैं, यहाँ उनके द्वारा कराये गये विकास कार्यों को लेकर उनकी विशिष्ट पहचान बनी। विधान सभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला पर, जिले भर में राजीव कुमार गुप्ता के कार्यों की प्रशंसा कर के वोट मांगे गये थे, इसके बाद उन्हें जिला उपाध्यक्ष बनाया गया। लोकसभा चुनाव में उन्हें बिल्सी विधान सभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया। विधायक का विरोध होने के बावजूद उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा को विजय दिलाई, इसके बाद जिलाध्यक्ष बनते-बनते रह गये। अंतिम क्षणों में उम्र का हवाला देकर अशोक भारती को जिलाध्यक्ष बना दिया गया था पर, हाईकमान को एक सप्ताह के अंदर ही अहसास हो गया था कि उससे इस बार गलत निर्णय हो गया है।
अशोक भारती को जिलाध्यक्ष बनवाने में राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने अपनी संपूर्ण शक्ति झोंक दी थी लेकिन, सूत्रों का कहना है कि अशोक भारती द्वारा लिए जा रहे निर्णयों से राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता भी खुश नहीं थे। राज्यमंत्री महेश चंद्र सरकार और संगठन में बराबर की पकड़ रखते हैं, ऐसे में उनसे दूरी बना कर क्रीज पर जमे रहना मुश्किल कार्य ही कहा जायेगा।
उधर राजीव कुमार गुप्ता की कार्य-कुशलता को देख कर संगठन ने उन्हें क्षेत्रीय मंत्री का दायित्व दे दिया। पिछले दिनों राष्ट्रीय अध्यक्ष आगरा में आये तो, उस कार्यक्रम की सफलता में राजीव कुमार गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वे हाईकमान के चहेते बन गये। राजीव कुमार गुप्ता विधायक का चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, उन्होंने सदर विधान सभा क्षेत्र पर टिकट की दावेदारी ठोंक दी थी, इस बीच अशोक भारती की शिकायतों का अंबार लग गया तो, संगठन ने अशोक भारती को हटाने का निर्णय ले लिया। चुनावी वर्ष में वैश्य वर्ग के जिलाध्यक्ष को हटा कर वैश्य वर्ग का ही जिलाध्यक्ष बनाना था, सो राजीव कुमार गुप्ता से बेहतर नाम कोई और हो ही नहीं सकता था। अब संगठन को एक बेहतरीन सेनापति मिल गया है पर, राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता की राह का रोड़ा भी हट गया। एक मात्र राजीव कुमार गुप्ता ही थे, जो उन्हें टिकट को लेकर चुनौती दे सकते थे।
राजीव कुमार गुप्ता की क्षमता पर किसी को भी कोई शक नहीं है, वे संगठन को हरीश शाक्य की तरह धारदार बनाने में सफल होंगे, कार्यकर्ताओं को बेहतर अवसर देंगे तभी, जिले भर के कार्यकर्ता खुशी से झूम रहे हैं। जगह-जगह मिठाई बांटी जा रही है लेकिन, यहाँ एक और बात विशेष ध्यान देने वाली है। सैनरा वैश्य अशोक भारती की बेटी हैं, वहीं राजीव कुमार गुप्ता के सगे साले गौरव कुमार “गोल्डी” की पत्नी हैं। राजीव कुमार गुप्ता उसहैत नगर पंचायत में किये जा रहे गोलमाल पर लगाम लगा पायेंगे या, नहीं, वे संगठन को वरीयता देंगे या, रिश्तेदारी को, उनकी लोकप्रियता अब इसी मुद्दे पर निर्भर रहेगी।
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