बदायूं में बेसिक शिक्षा विभाग की हालत बेहद दयनीय अवस्था में पहुंच चुकी है। नौनिहालों को शिक्षित करने पर किसी का ध्यान नहीं है। विभागीय अफसरों और कर्मचारियों की पूरी ऊर्जा सरकारी धन हजम करने में ही खर्च हो रही है। हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं कि नये घोटाले को अंजाम देने से पहले पुराने घोटाले का रिकॉर्ड आग के हवाले कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में हुईं फर्जी नियुक्तियों का प्रकरण खुल गया है, साथ ही मृतक आश्रितों और पीएफ में भी बड़ा गोलमाल किया गया है, इससे संबंधित पत्रावलियां कर्मचारियों ने आग के हवाले कर दीं। सूत्रों का कहना है कि बेहद जरूरी रिकॉर्ड जला दिया गया है, अब जाँच के दौरान फर्जी कागजात और कर्मचारियों द्वारा की गईं मनमानियों की कहानी कभी सामने नहीं आ सकेगी। रिकॉर्ड जलाने की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी है, लेकिन उन्होंने अभी तक संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा है, जबकि नियमानुसार संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत होना चाहिए।
बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने एक घोटाले का रिकॉर्ड समाप्त करने के साथ ही एक और घोटाले को अंजाम दे दिया है। बताया जा रहा है कि कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तीन सीसीटीवी कैमरे और एक बायोमैट्रिक मशीन लगाये गये हैं, जिनमें बड़ा गोलमाल किया गया है। सूत्रों का कहना है कि संबंधित पटल को संभालने वाले बाबू की ससुराल कासगंज में है, इस भ्रष्ट बाबू ने अपने साले को सरकारी धन हजम करने का माध्यम बना रखा है। बताते हैं कि पटल संभालने वाले बाबू के साले ने ही 18 विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे और बायोमैट्रिक मशीन लगाई है, लेकिन इस सबका टेंडर नहीं निकाला गया और न ही कुटेशन मांगे गये हैं। बताया जा रहा है कि बाबू ने साले के माध्यम से 8 लाख से अधिक रुपयों का गोलमाल कर लिया है, इस सबकी जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेम चंद्र यादव को भी है, लेकिन वे मूक दर्शक बने हुए हैं।
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