बदायूं जिले में माफिया हर क्षेत्र में घुसपैठ करने लगे हैं। धन कमाने के लिए सेवा क्षेत्रों पर हावी हो गये हैं, वहीं शक्ति पाने के लिए राजनीति में भी दखल देते नजर आ रहे हैं, इसीलिए प्रतिष्ठित सेवा कार्यों पर कलंक लगने लगा है, साथ ही राजनीति से युवा घृणा करने लगे हैं। आस्था और श्रद्धा वाले शिक्षा क्षेत्र में माफिया पूरी तरह हावी होते जा रहे हैं। माफियाओं का उद्देश्य शिक्षित करना नहीं बल्कि, अपनी जेब को और मोटा करने एवं समाज में स्वयं को प्रतिष्ठित बनाना भर रहता है, इस सूची में कई ऐसे नाम हैं, जिनके जुड़ने से सम्मानित शिक्षा क्षेत्र जुआ, चरस और स्मैक जैसे धंधे की अनुभूति कराने लगा है।
बात उझानी स्थित बांके बिहारी लॉ कॉलेज की करें तो, यहाँ भी युवाओं को कानून का जानकार बनाने की जगह मैनेजमेंट का उद्देश्य धन कमाना ज्यादा नजर आता है। एडमिशन लिए जाते हैं लेकिन, रेगुलर क्लासें नहीं लगतीं। एडमिशन लेने वाले कभी पढ़ने नहीं आते। दो-तीन किश्तों में कॉलेज मैनेजमेंट सिर्फ रूपये लेने में ही रूचि लेता है। एग्जाम के दौरान खुलेआम नकल होने के आरोप लगते रहे हैं, इसीलिए प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन लेने की जगह ऐसे युवा बाँके बिहारी लॉ कॉलेज जैसों को प्राथमिकता देने लगे हैं, जिन्हें रौब के लिए सिर्फ कानून की डिग्री चाहिए, इसमें कई सारे लोग सफल भी हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि बाँके बिहारी लॉ कॉलेज के पास बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता भी नहीं है, जिसके चलते एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय ने वर्ष- 2018-19 सत्र के प्रवेश रद्द कर दिए हैं, जिससे एडमिशन ले चुके छात्रों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। कानून की डिग्री लेकर जो युवा अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, वे ऐसे कॉलेजों से दूर ही रहें, क्योंकि ऐसे कॉलेज डिग्री दे सकते हैं पर, ज्ञान न होने पर ता-उम्र ग्लानि का भाव सताता रहेगा, क्योंकि ऐसे कॉलेजों के पास अपेक्षित शिक्षक भी नहीं होते हैं। कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए बेरोजगारों को नियुक्त कर लेते हैं और फिर युवाओं से धन ऐंठते रहते हैं।
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